फिर गायब होने लगीं प्राइवेट बसें, सवारियां कम होने से निजी बस ऑपरेटर्ज ने कई रूट पर बंद की सेवाएं

By: Jun 5th, 2020 12:05 am

शिमला – हिमाचल प्रदेश के प्राइवेट बस ऑप्ररेटरों ने बसों के संचालन को लेकर हाथ खडे़ करने शुरू कर दिए है। बता दें कि अनलॉक के दौरान प्रदेश में शुरुआती दिनों से ही निजी बसों का संचालन कर दिया गया था। पहली जून को प्रदेश में 200 निजी बसें चली थीं। दो जून को 250 बसें चलीं। इसके बाद से निरतंर रूटों पर चलने वाली बसोें की संख्या में गिरावट आने लगी है। बुधवार को प्रदेश में 200 बसें चली थीं, जबकि गुरुवार को यह आंकड़ा लुढ़क कर 150 बसों तक पहुंच गया है। बसों में यात्रियों के कम होने से निजी बस ऑपरेटर्ज को रोजाना चपत लग रही है। बसों में आक्यूपेंसी नाममात्र चल रही है। ऐसे में बस मालिकों ने बसों को खड़ा करना शुरू कर दिया है। राज्य के कुछ जिलों में गिनती की बसें चल रही हैं, तो कुछ जिले ऐसे हैं, जहां पर एक भी निजी बस नहीं चल पा रही है। निजी बसों के संचालन से जनता को आवाजाही में अवश्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, मगर बसों में आक्यूपेंसी न होने से निजी बस ऑपरेटरों ने बसों के संचालन के लिए हाथ खडे करना शुरू कर दिया है। हिमाचल प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान राजेश पराशर ने कहा कि लॉग रूट पर चल रही बसों में रोजाना बस संचालकों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इन ऑपरेटर्ज को एक दिन में पांच हजार रुपए की रोजाना चपत लग रही है। इस दौरान तेल का खर्च तक पूरा नहीं हो रहा है। कुछ रूटों पर बस संचालकों को अड्डा फीस व ड्राइवर व परिचालक का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। ऐसे में ऑपरेटर्ज को रोेजाना बसों का संचालन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मदद करती है, तभी प्राइवेट बसों का संचालन संभव हो सकता है, अगर सरकार बसों का संचालन नहीं करती है, तो मजबूरन ऑपरेटर्ज को बसें खड़ी करनी पडें़गी।

हिमाचल में निजी बेड़े में शामिल हैं 3100 बसें

हिमाचल प्रदेश में निजी बेडे़ में करीब 3100 बसें हैं। इनमें से केवल मात्र गिनती की बसें चल रही हैं। गुरुवार को 150 बसें ही चल पाईं। राज्य में 2950 के करीब बसें अभी भी खड़ी हैं। अगर आगामी दिनों के दौैरान बसों में आक्यूपेंसी बढ़ती है, तो वे बसों का संचालन कर सकते हैं।


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