मुख्यमंत्री का कांग्रेस पर सबसे बड़ा हमला, कोरोना संकट में जमीन पर कहीं नहीं दिखी पार्टी

By: Jun 5th, 2020 12:08 am

कहा; कोरोना संकट में जमीन पर कहीं नहीं दिखी पार्टी, विपक्ष के मित्र सिर्फ मुश्किल वक्त में कमाई का जरिया तलाशते रहे

शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला करते हुए विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया है। प्रदेश सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने केंद्रीय हाईकमान को 12 करोड़ का बिल भेजा है। इस भारी भरकम राशि से हिमाचल के लोगों को मास्क-सेनेटाइजर और ग्लब्स वितरित करने के बदले खर्च की गई राशि की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी राशि राज्य सरकार ने भी कोविड संकट में खर्च नहीं की है। इससे स्पष्ट होता है कि इस संकट में विपक्ष के मित्र कमाई के अवसर कहां-कहां तलाश रहे हैं। सीएम ने कांग्रेस को चुनौती दी है कि वे आम जनता को बताएं कि उन्होंने 12 करोड़ की सामग्री कहां बांटी है? सीएम ने कहा कि इस कोरोना संकट में कांग्रेस जमीन पर कहीं नहीं दिखी। संकट की घड़ी में सिर्फ विपक्ष के लोग सियासत करने में व्यस्त रहे। सरकार के ऊपर झूठे आरोप लगाकर प्रदेश की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया और जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पीपीई किट व वेंटिलेटर खरीद में कोई अनियमितता नहीं हुई। सेनेटाइजर खरीद मामले में भुगतान से पहले ही सरकार ने कार्रवाई की। एफआईआर दर्ज करवाई गई। अधीक्षक को निलंबित करने के साथ-साथ तीन अन्य लोगों को चार्जशीट किया गया। जयराम ठाकुर शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है। कोरोना संकटकाल में भ्रष्टाचार से बड़ा कोई पाप नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीई किट का मामला उनके संज्ञान में आते ही जांच के आदेश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को निलंबित किया गया।

घूम रहा गुमनाम पत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि वेंटिलेटर खरीद को लेकर इन दिनों एक गुमनाम पत्र घूम रहा है। पत्र में आरोप लगाया जा रहा है कि साढ़े तीन लाख की कीमत का वेंटिलेटर दस लाख में खरीद लिया। ऐसे गुमनाम पत्र पर कोई भी जांच के पक्ष में नहीं रहता। बावजूद इसके इस फर्जी पत्र पर भी जांच की गई है। इससे स्पष्ट हुआ है कि जांच भी फर्जी है और शिकायतकर्ता का भी कोई अता-पता नहीं।

शिकायतकर्ता का नाम सामने लाएं

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वेंटिलेटर की शिकायत करने वाले व्यक्ति को सामने लाया जाए। सीएम ने कहा कि जिस व्यक्ति ने ऐसी फर्जी शिकायत करके सरकार के काम में बाधा डाली है, उसे पाताल से भी ढूंढ कर लाया जाएगा। इसके अलावा क्रिमिनल केस भी दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।

भ्रष्टाचार सहन नहीं करेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के गुमनाम पत्र नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित कई नेताओं-अफसरों के खिलाफ आते रहते हैं। व्यवस्था के तहत गुमनाम पत्र पर जांच संभव नहीं है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार की धुर विरोधी है। इसी कारण गुमनाम पत्र पर जांच करवाई गई है।

किसी तरह की कोई हेराफेरी नहीं हुई

सीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए विभिन्न उपकरणों की खरीद में पूरी तरह पारदर्शिता बरती गई है। उपकरणों की गुणवत्ता को ध्यान में रखा गया है और खरीद के लिए तय नियमों की प्रक्रिया अपनाई गई है। इसमें किसी भी प्रकार की हेराफेरी नहीं हुई है।

पहली बार ऐसा हुआ

सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक का तथाकथित घूस मांगने का आडियो मुझ तक पहुंचा। सीएम ने कहा कि अब तक की सरकारों को कई ऐसे ऑडियो मिल चुके हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार एक साधारण ऑडियो का मामला विजिलेंस को दिया गया। इसी प्रकार सेनेटाइजर सप्लाई आर्डर में अनियमितताओं की सूचना मिलते ही इसमें विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए।

भ्रष्टाचारी सबसे बड़ा पापी

सीएम का कहना है कि न मैं भ्रष्टाचार देख सकता हूं और न सहन करता हूं। मेरी नजर में भ्रष्टाचार करने वाला सबसे बड़ा पापी है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने साधारण ऑडियो और गुमनाम पत्र पर भी जांच करवाई है। इससे सरकार की पारदर्शी सोच और स्वच्छ छवि का संदेश जाता है। बावजूद इसके कांग्रेस इसका उल्टा प्रचार कर रही है।


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