रूस की विश्वसनीयता

By: Jun 29th, 2020 12:05 am

-रूप सिंह नेगी, सोलन

यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि नए दोस्तों के बजाय पुराने दोस्त समय पर काम आते हैं। हम बात करते हैं भारत-रूस की दोस्ती की जो चिरकाल से चली आ रही है और वह मुश्किल समय में हमारे काम आता रहा है। 1962, 1965 और 1971 में वह हमारे साथ खड़ा रहा, जबकि 1965 व 1971 के इंडो-पाक युद्घ में अमरीका, पाक के साथ खड़ा रहा और 1971 की लड़ाई के समय अमरीका ने अपने सातवें बेडे़ को कूच करा दिया था। चीन को कोई रास्ते पर अगर ला सकता है तो वह हमारा पुराना और विश्वसनीय दोस्त रूस है। अमरीका की दोस्ती को भी नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन वह रूस से ज्यादा विश्वसनीय नहीं है।


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