लपशक में दी प्राकृतिक खेती की जानकारी

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बारीकी से किया जागरूक

 केलांग-लपशक गांव में प्राकृतिक खेती के बारे में लोगों को जागरूक करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों ने शिविर में सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि पद्धति को अपनाने के बारे में किसानों को जानकारी दी। जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने लोगों को कहा कि कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने लाहुल-स्पीति में कृषि सुधार के लिए कृषि के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि  लाहुल में कृषि के विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, परंतु अभी भी बहुत कुछ किया बाकी है। फसल विविधीकरण के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए गांव-गांव में जाकर प्रशिक्षण केम्प लगाने तथा किसानों की जागरूकता के प्रयास विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा  है, जिसके अंतर्गत किसानों को देसी नस्ल की गाय खरीदने पर 25000 का अनुदान है। वर्मिकंपोस्ट यूनिट लगाने पर 5000 तथा पावर टिलर, पॉवर वीडर, ब्रश कटर पर एवं सामुदायिक स्तर पर कम्पोसिट फेंसिंग के लिए भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत अनुदान दिया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों व विशेषज्ञों को किसानों के खेतों तक पहुंच कर उनका मार्गदर्शन किया जा रहा है। प्राकृतिक कृषि में किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग न करके केवल प्राकृतिक रूप से बनाए गए कीटनाशक ही प्रयोग एवं उपचार के लिए प्रयोग किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में हिमाचल सरकार ने मार्केटिंग मॉडल अधिनयम पास करके 133 उत्पादों को इसके दायरे में लाया गया है, जिससे की प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा मिलेगा। प्रशिक्षण शिविर में जीवामृत तथा जीवामृत बनाने की विधि किसानों को सिखाई गई। शिविर में सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि विषय विशेषज्ञ डा. राजेंद्र ठाकुर, सहायक तकनीकी प्रबंधक योगराज, पंचायत समिति सदस्य शकुंतला भी उपस्थित रहे।