लाहुल में दौड़ रही खाली एचआरटीसी

 केलांग – कोरोना के खौफ के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा बहाल करने के बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ पाई। अनलॉक-वन में जहां एचआरटीसी के केलांग डिपो ने पहले ही दिन पहली जून को करीब 42 रूटों पर बस सेवा को बहाल किया था, लेकिन यात्रियों की कमी के चलते निगम के इस डिपो को अपने आधे रूट बंद करने पड़े। लाहुल व पांगी में सेवाएं देने वाला एचआरटीसी का केलांग डिपो जहां इस दौरान यात्रियों की कमी से जूझता रहा, वहीं अब मात्र 26 रूटों पर भी बसें दौड़ा रहा है। यही नहीं, कुल्लू-लाहुल के बीच भी निगम ने शुरुआती दिनों में चार बसों को अलग-अलग समय पर दौड़ाया था, लेकिन बसों के खाली ही चलने से आखिरकार निगम को यहां पर भी नुकसान ही उठाना पड़ रहा है। ऐसे में केलांग डिपो के प्रबंधन ने फिलहाल आधे रूटों को बंद कर दिया है। इसके पिछे अधिकारियों का यही तर्क है कि बसें तो सरकार के आदेशों के तहत दौड़ा दी गई हैं,  लेकिन यात्रियों के न होने से निगम की अधिकतर बसें घाटी के खाली ही चल रही हैं। ऐेसे में बसों का तेल का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। केलांग डिपो के आरएम मंगल चंद मनेपा का कहना है कि घाटी में वर्तमान समय में 26 रूटों पर बसों को चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की कमी के चलते अन्य रूट पर फिलहाल बसों को नहीं दौड़ाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में जहां निजी बसों की आवाजाही न के बराबर है, वहीं यहां पर निगम की बसों के माध्यम से ही लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करते हैं। ऐसे में प्रदेश के पांच जिलों में पहले ही यात्रियों की कमी के चलते जहां निजी बस आपरेटरों ने बसों को चलाने से मना कर दिया है, वहीं अब एचआरटीसी की हालत भी अनलॉक-वन में पतली होती ही दिखाई दे रही है। एचआरटीसी के केलांग डिपो के नाम जहां देश के सबसे ऊंचे व लंबे लेह-दिल्ली  बस रूट पर बस चलाने का रिकार्ड दर्ज है, वहीं देश-विदेश के सैलानी भी सीजन के दौरान निगम के उक्त डिपो की बसों की सेवाओं की भी जमकर तारीफ करते हैं। इस से जहां रोहतांग दर्रा समय से पहले बीआरओ ने बहाल कर लाहुल के लोगों को राहत दिलाई है, वहीं कोरोना के संकट के बीच घाटी के लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भी किनारा कर रखा है। ऐसे में अब जिन रूटों पर यात्री नहीं हैं उन रूटों पर फिलहाल निगम अपनी बस सेवाएं अगामी दिनों में बंद करने का सोच रहा है। बहरहाल अनलॉक-वन के सात-आठ दिन बीत जाने के बाद भी एचआरटीसी को जहां नुकसान ही उठाना पड़ रहा है, वहीं जनजातीय जिला में निगम के अधिकतर रूट पर बसों की सेवाओं को बंद किया गया है।