सिख समुदाय को दें नोबेल पुरस्कार, पर्यावरण प्रेमी प्रेम गर्ग बोले, मानवता की सर्वोच्च सेवा के लिए मिलें सम्मान

चंडीगढ़ – सिख समुदाय हमेशा से वीरता व सेवा की प्रतिमूर्ति रहा है, चाहे युद्धकाल हो या फिर प्राकृतिक आपदा। संकट में घिरे लोगों की  सेवा खासकर लंगर की सेवा, कोई सिख समुदाय से सीखे। ये कहना है समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी प्रेम गर्ग, सीए का। उन्होंने कहा कि कोरोना महाप्रकोप के दौरान भी विश्वभर में सिखों ने जरूरतमंदों को लंगर की सेवा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और यह सिलसिला अभी भी जारी है। इसी कड़ी में मंगलवार को सेक्टर-19 के गुरुद्वारा साहिब में सिख कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया। कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में श्रमिक वर्ग व अन्य जरूरतमंदों को दो जून की रोटी का इंतजाम करने में ट्राइसिटी के समाजसेवियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, इनमें से कई दयालु तो पहले दिन से आखिर तक इस सेवा में जुड़े ही रहे। इन्ही कोरोना योद्धाओं जिनमें समाजसेवी रविंद्र सिंह बिल्ला, गुरु का लंगर आई हॉस्पिटल के संचालक इंदरजीत सभरवाल, समाजसेवी बॉबी सिंह, पंचकूला वाले, जसविंदर सिंह नागपाल, चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस में एएसआई भूपिंदर सिंह व सेक्टर-19 गुरुद्वारा के प्रबंधक सर्वजीत सिंह आदि का सम्मान वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर व बेदी अस्पताल के डायरेक्टर डा. बेदी, सीए प्रेम गर्ग व पर्यावरणविद् राहुल महाजन द्वारा किया गया। प्रेम गर्ग ने इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर समूचे सिख समुदाय को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान करवाने के लिए पहल करने की मांग की। प्रेम गर्ग ने कहा कि इस सदी की सबसे लंबी व घातक वैश्विक आपदा के दौरान सिख समुदाय ने पूरे विश्व में किसी को भूखा नहीं सोने दिया।