सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों सरकारों को दिए आदेश, 15 दिन में प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाए

By: Jun 5th, 2020 3:25 pm

नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के घर लौटने की उम्मीदों को सुप्रीम कोर्ट ने पंख लगा दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को आदेश दिए है कि 15 दिनों में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाएं। प्रवासी मजदूरों के मसले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें यह आदेश दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य रिकॉर्ड रखें कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे और प्रवासियों का पंजीकरण होना चाहिए। याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी तक करीब 1 करोड़ मजदूरों को घर पहुंचाया गया है। सड़क मार्ग से 41 लाख और ट्रेन से 57 लाख प्रवासियों को घर पहुंचाया गया है। बेंच के सामने आंकड़ा रखते हुए तुषार मेहता ने कहा कि अधिकतर ट्रेनें यूपी या बिहार के लिए चलाई गई हैं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी तक 4270 श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। हम राज्य सरकारों के संपर्क में हैं। केवल राज्य सरकारें इस अदालत को बता सकती है कि कितने प्रवासियों को अभी घर पहुंचाया जाना है और कितनी ट्रेनों की आवश्यकता होगी। राज्यों ने एक चार्ट तैयार किया है, क्योंकि वे ऐसा करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में थे। चार्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके चार्ट के अनुसार महाराष्ट्र ने केवल एक ट्रेन के लिए कहा है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र से हमने पहले ही 802 ट्रेनें चलाई हैं। अब केवल एक ट्रेन के लिए अनुरोध है, फिर बेंच ने पूछा कि क्या हमें इसका मतलब यह निकालना चाहिए कि कोई व्यक्ति महाराष्ट्र नहीं जाएगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोई भी राज्य किसी भी संख्या में ट्रेनों के लिए अनुरोध करता है तो केंद्र सरकार 24 घंटे के भीतर मदद करेगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी राज्यों को अपनी मांग रेलवे को सौंपने के लिए कहेंगे।


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