60 किलोमीटर घुसा चीन, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग का लद्दाख गतिरोध पर सनसनीखेज खुलासा

By: Jun 6th, 2020 12:12 am

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग का लद्दाख गतिरोध पर सनसनीखेज खुलासा

नई दिल्ली – भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने के मकसद से शनिवार को सुबह नौ बजे लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों में अगले दौर की बातचीत होगी। इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एचएस पनाग ने दावा किया है कि छह जून की बातचीत में चीन का पलड़ा भारी रहेगा, क्योंकि उसने पूर्वी लद्दाख के तीन अलग-अलग इलाकों में भारत के करीब 40 से 60 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर घुसपैठ कर ली है। अब वह भारत के सामने समझौते की ऐसी शर्तें रखने की कोशिश करेगा, जिन्हें मानना भारत के लिए आसान नहीं होगा और अगर भारत ने शर्तें नहीं मानीं, तो चीन सीमित युद्ध भी छेड़ सकता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल के इस आर्टिकल को ट्वीट किया है। राहुल ने लिखा है कि सभी देशभक्तों को जनरल पनाग का आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। उन्होंने अपने ट्वीट में आर्टिकल की एक पंक्ति भी कोट की है, ‘इनकार कोई समाधान नहीं है।’ ध्यान रहे कि जनरल पनाग ने 2014 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। वह अभिनेत्री गुल पनाग के पिता हैं। बहरहाल, जनरल पनाग ने आर्टिकल में आशंका जताई है कि चूंकि चीन के पास हमारी जमीन है, इसलिए वह विवाद सुलझाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सीमा में आधारभूत ढांचे का निर्माण कार्य रोकने जैसी कठोर शर्त रख सकता है। उन्होंने लिखा है कि अगर कूटनीति असफल रही तो चीन सीमा पर संघर्ष बढ़ाने या सीमित युद्ध लड़ने तक को तैयार है। वह आगे कहते हैं कि भारत को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि उसे चीन के मनमानेपन के आगे झुकना नहीं है, भले ही उसकी तरफ से थोपा गया युद्ध ही क्यों नहीं लड़ना पड़े। उन्होंने लिखा है कि भारत को सुनिश्चित करना चाहिए कि असीमांकित एलएसी पर पहली अप्रैल, 2020 तक की यथास्थिति बहाल हो, ताकि चीन सामरिक बढ़त हासिल करने या अपनी मर्जी से भारत को अपमानित करने के लिए भविष्य में इस तरह की जबरदस्ती नहीं कर पाए। अगर यह कूटनीतिक स्तर पर नहीं हो सकता है, तो ताकत के जोर पर जरूर किया जाना चाहिए।

हकीकत से मुंह मोड़ रहे सरकार और सेना

जनरल पनाग का मानना है कि मोदी सरकार और सेना ने हकीकत से मुंह मोड़ लिया है। हालांकिए मोदी सरकार और सेना ने स्पष्ट रणनीति बनाने और पूरे देश को इससे अवगत करवाने की जगह यह मानने से ही इनकार कर दिया है कि भारत की जमीन पर चीनी घुसपैठ हुई है। भारतीय जमीन पर चीन के जबरदस्ती कब्जे को एलएसी को लेकर अलग-अलग धारणा का हवाला देना बेहद खतरनाक है।

लद्दाख में एक महीने से तनाव जारी

ध्यान रहे कि पूर्वी लद्दाख के चार अलग-अलग इलाकों में भारत और चीन के सैनिक एक महीने से एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं। पांच मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों तरफ  से करीब 250 सैनिक चोटिल हो गए थे। तब से इलाके में तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

चीन बोला, अमरीका के उकसावे में न आए भारत

बीजिंग – चीन सरकार के प्रोपगेंडा मैगजीन ग्लोबल टाइम्स ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि भारत ने धीरे-धीरे चीन के प्रति रणनीतिक श्रेष्ठता का भ्रम पैदा किया है। भारत के कुछ लोगों को लगता है कि चीन सीमा मुद्दे पर रियायत दे सकता है। चीन के प्रति विरोध की मानसिकता भारत में बढ़ रही है और इसने भारतीय नीति निर्माताओं पर दबाव डाला है। चीनी मीडिया ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे अमरीका या किसी और के उकसावे में नहीं आना चाहिए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App