आत्महत्याएं चिंताजनक
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
जिस देश का इतिहास, सभ्यता-संस्कृति मुसीबतों से लडने के लिए प्रेरणा देते हों, वहां बढ़ते खुदकुशी के मामले सचमुच गंभीर चिंता का विषय है। आधुनिकता की भागदौड़, तनाव, आत्मविश्वास की कमी आज लोगों को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। खुदकुशी के मामलों में नौजवानों का आंकड़ा भी काफी है। जिस तरह हमारे देश में खुदकुशी के मामले बढ़ रहे हैं, उससे भारत उन देशों में शामिल हो गया है जहां चीन के बाद सर्वाधिक खुदकुशी होती है। किसी भी परेशानी या समस्या का हल मौत को गले लगाना तो नहीं है। हर परेशानी का कोई न कोई हल जरूर निकलता है। बस परेशानी से निपटने के लिए इनसान को दिल, दिमाग और हौसले से काम लेना चाहिए। सभी को मुसीबत का सामना करने की शिक्षा दी जानी चाहिए।
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