भारत के लिए गुड न्यूज, डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का परीक्षण फिर किया शुरू

By: Jun 4th, 2020 12:41 pm

जिनेवा-नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सॉलिडेरिटी ट्रायल के तहत कोरोना वायरस के मरीजों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के परीक्षण पर लगाई गई रोक हटा ली है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा. तेद्रोस गेब्रियेसस ने कोविड-19 पर बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सॉलिडेरिटी ट्रायल में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को लेकर उपजी चिंताओं के बीच पिछले सप्ताह इस दवा के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगाई गई थी। ऐसा एहतियात के तौर पर किया गया था। इस दौरान सॉलिडेरिटी ट्रायल की डाटा सुरक्षा एवं निगरानी समिति ने परीक्षण के आंकड़ों का अध्ययन किया है। समिति की अनुशंसा में कहा गया है कि परीक्षण के प्रोटोकॉल में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि समिति की अनुशंसा के आधार पर सॉलिडेरिटी ट्रायल के कार्यकारी समूह ने एचसीक्यू समेत सॉलिडेरिटी ट्रायल में शामिल सभी दवाओं का परीक्षण जारी रखने का फैसला किया है। सॉलिडेरिटी ट्रायल में 35 देशों के 3500 से अधिक मरीज हिस्सा ले रहे हैं। उन पर चार प्रकार की दवाओं या दवाओं के कॉम्बिनेशन का परीक्षण किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डा. सौम्या स्वामिनाथन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एचसीक्यू के कारण कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर बढऩे की कुछ रिपोर्टों के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने सॉलिडेरिटी ट्रायल में इस दवा का परीक्षण रोका था। समिति ने आंकड़ों का गहन अध्ययन करने और तब तक एहतियात के तौर पर परीक्षण में हिस्सा ले रहे मरीजों पर इस दवा के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि हमने अपने आंकड़ों के साथ ही ब्रिटेन में चल रहे इस दवा के परीक्षण के आंकड़ों का भी अध्ययन किया, जहां 11 हजार से अधिक मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है। हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि जिन मरीजों को एचसीक्यू दिया जा रहा है, उनकी तथा दूसरे मरीजों की मृत्यु दर में कोई अंतर नहीं है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App