विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण सचिव आलोक शेखर बोले, जैव विविधता के नष्ट होने से जीना मुहाल हो जाएगा

कपूरथला। जंगलों की अंधाधुंध कटाई, जंगली जीवों के खात्मे और साल में एक से अधिक फसलें लेने की मानवीय इच्छाओं के मकडज़ाल से हम यदि नहीं निकले और जैव विविधता को संरक्षित नहीं किया तो आने वाले समय में हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा। पंजाब के विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण सचिव आलोक शेखर ने शुक्रवार को पुष्पा गुजराल साईंस सिटी की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर कराये गये वेबिनार में ये विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जैव विविधता को नहीं बचाया गया तो हमारे खाने के लिए कुछ नहीं रहेगा और न ही हमारे रहने के लिए स्वच्छ पर्यावरण ही होगा। कोविड-19 महामारी का संकट हमारे सामने एक जीती जागती मिसाल है कि जब हम जैव विविधता का नाश करेंगे तो हमारी जि़ंदगी खतरे में पड़ जाएगी। कुदरत ने हमें यह संदेश दिया है जैव विविधता को बचाने के लिए अब हमें एकजुट होकर प्रयास करने चाहिए। यदि हमने अब देर की तो इसके भयानक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सहयोग से आयोजित वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए साइंस सिटी की महानिदेशक डा0 नीलिमा जैरथ ने कहा कि मनुष्य भूमि तथा प्राकृतिक स्रोतों का अंधाधुंध दोहन कर रहा है जो पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी है। विश्व पर्यावरण दिवस हमें इस प्रति जागरूक होने का आह्वान कर रहा है। इस मौके पर सौ से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डाण् सतविंदर सिंह मरवाहा ने कहा कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का विषय जैव विविधता और प्रकृति के लिए समयष् है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही हैए इस वक्त प्रकृति की संभाल बहुत ज़रूरी है। एक कुदरत ही है जो हमें खाने के लिए भोजनए सांस लेने के लिए हवाए पीने के लिए पानी और जीने के लिए स्वच्छ पर्यावरण मुहैया करवाती है।