टिक्कर में ओलों की बारिश ने तबाह कर दिया बागीचा

गागल, नेरचौक – सिर मुंडाते ही ओले पड़े कहावत को थोड़ा बदल कर यूं लिखें कि बागीचा लगाते ही ओले पड़े, तो यह कहावत बल्ह उपमंडल के टिक्कर निवासी सुरेश शर्मा पर अक्षरशः सत्य बैठती है, जिनके दो साल के लगभग 150 से ज्यादा फलदार पौधों का बागीचा गुरुवार को हुई भयंकर ओलावृष्टि से तहस नहस हो गया। सुरेश शर्मा जो अढ़ाई साल पहले बैंक प्रबंधक के पद से रिटायर हुए थे, ने बागबानी के शौक के चलते दो साल पहले अपनी जमीन में 50 गर्म इलाकों में अच्छी पैदावार देने वाले सेब की उन्नत किस्म के पौधे लगाए थे, जिन पर इस बार सैंपल फल आने शुरू हो गए थे। इसके साथ 40 उन्नत किस्म के इलाहाबादी कलमी अमरूद के पौधे, जिन पर फूल आने शुरू हो गए थे। वहीं 25 उन्नत किस्म की सीडलेस लीची के पौधे तथा 25 कागजी नींबू के पौधे व पांच आम्रपाली किस्म के आम तथा कागजी बादाम, संतरे, आड़ू, हाईब्रिड पपीता इत्यादि के पौधे लगाए थे, जो दो साल की आयु पूरी कर चुके थे और बेहतरीन ढंग से बढ़ रहे थे, लेकिन दो दिन पहले हुई ओलावृष्टि ने इन पौधों पर ऐसी मार मारी कि इन पर लगे फल, फूल और पत्तों के साथ नाजुक टहनियां भी टूट कर जमीन पर बिखर गईं और पौधों के तने भी छिल गए हैं। सुरेश शर्मा ने प्रशासन से पौधों की हुई क्षति का जायजा लेकर नुकसान की भरपाई हेतु मुआवजे की मांग की है।