कांगड़ा तैयार कर रहा अमरीका-यूरोप की मछली, गुप्त गंगा फार्म में कॉमन कार्प के 2.5 लाख अंडे तैयार

By: Jul 3rd, 2020 12:05 am

कांगड़ा – प्रदेश के ऐतिहासिक जिला कांगड़ा में अब खेतीबाड़ी के साथ मत्स्य पालन को भी तरजीह दी जा रही है। जिला में चीन, अमरीका, यूरोप जैसे देशों में पाई जाने वाली खास किस्म की मछलियों की अब फार्मिंग की जा रही है। 70 के दशक से कांगड़ा के गुप्त गंगा में संचालित मत्स्य विभाग के फिश फार्म में यूरोप की कॉमन कार्प फिश सहित अन्य ओर्नामेंटल फिश की ब्रीडिंग हो रही है। मौजूदा समय में यहां अढ़ाई लाख कॉमन कार्प फिश के अंडे तैयार किए गए हैं। इसके अलावा आठ तरह की खास वैरायटी की सजावटी मछलियों की फार्मिंग कर इन्हें बेचा जा रहा है। काबिलेगौर है कि अब तक यह मछलियां चाइना और अमरीका में ही पाई जाती थीं, लेकिन अब कांगड़ा में भी इन्हें तैयार कर बेचा जा रहा है। इनमें से कुछ यूरोप की भी हैं। इस सत्र की बात करें, तो अप्रैल से लेकर जून अंत तक विभाग कॉमन कार्प फिश के 10 हजार बच्चे किसानों को बेच चुका है। वहीं 20 हजार रुपए कीमत की सात खास किस्मों की मछलियों की भी बिक्री हो चुकी है। आठवीं नस्ल मौली फिश का अभी प्रजनन हो रहा है। गुप्त गंगा फार्म में गोल्ड फिश, गप्पी, पलैटी, स्वार्ड टेल, शुभुकेन, गोल्ड फिश फैन टेल, कौई कार्प और मौली फिश की ब्रीडिंग कर इन्हें बेचा जा रहा है। कॉमन कार्प फिश की बात करें, तो किसान तालाब में डालकर इस मछली का प्रजनन कर इसे अपनी इनकम का साधन बना रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें, तो यह जल्द बढ़ने वाली सर्वआहारी मछली है। यह खुद को बदलते मौसम की स्थितियों के साथ आसानी से ढाल लेती है। खास बात यह है कि इसे विश्व के दोनों गर्म और ठंडे क्षेत्रों में पाला जा सकता है। उधर, संदीप कुमार, सीनियर फिशरी ऑफिसर, कांगड़ा ने बताया कि गुप्त गंगा फार्म में विदेशी नस्लों की गोल्ड फिश, गप्पी, पलैटी, स्वार्ड टेल, शुभुकेन, गोल्ड फिश फैन टेल, कौई कार्प, मौली फिश और कॉमन कार्प फिश के बच्चे तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से आठ नस्लें सजावटी हैं। कॉमन कार्प नस्त को आहार के लिए भी बेचा जाता है। इस आहारी फिश के 2.5 लाख अंडे तैयार किए गए हैं। ओर्नामेंटल फिश पालन उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है। फिलहाल प्रजनन के चलते 15 अगस्त तक मछली बिक्री पर पाबंदी है।

ट्राउट फार्मिंग की अपार संभावनाएं

मत्स्य विभाग के अनुसार कांगड़ा जिला में ट्राउट फिश फार्मिंग की अपार संभावनाएं हैं। किसान ट्राउट के जरिए अपनी अच्छी इनकम बढ़ा सकते हैं। विभाग ट्राउट फार्मिंग के लिए अनुसूचित जाति/ जनजाति के लिए 60 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 40 फीसदी तक की सबसिडी मुहैया करवा रहा है। इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। हालांकि ट्राउट 18 डिग्री तक के तापमान में अच्छी तरह पनपती हैं।


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