कोरोना महामारी ने निगला करोड़ों का कारोबार

बिलासपुर के व्यापारियों पर भारी पड़ा कोरोना का कहर; शोरूम व होटलों में नहीं पहुंच रहे कस्टमर

बिलासपुर-कोरोना महामारी का महासंकट बिलासपुर शहर में करोड़ों का कारोबार निगल गया है। कोरोना महामारी का संकट वैसे तो हर वर्ग पर ही है, लेकिन कारोबारियों पर भी यह महामारी पूरी तरह से भारी पड़ी है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अभी तक भी बिलासपुर शहर में कारोबार पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट पाया है। अभी भी मात्र 20 से 30 फीसदी तक भी कारोबार पहुंचा है, जिसका खामियाजा बिलासपुर शहर के व्यापारी पिछले करीब साढ़े तीन माह से भुगत रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते मार्च माह में लॉकडाउन की शुरुआत हुई। पहले लॉकडाउन के दौरान कुछ कारोबार ठीक रहा, लेकिन जैसे ही दूसरा लॉकडाउन शुरू हुआ तो बिलासपुर शहर के कारोबारियों का व्यापार पूरी तरह से डगमगा गया। वहीं, तीसरे और चौथे लॉकडाउन में तो कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया। वहीं, इसी बीच बिलासपुर के कंडक्टर के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शहर में लोगों की आवाजाही पूर्णतया बंद रही। हालांकि सरकार की ओर से अनलॉकडाउन-1 में कुछ राहत प्रदान की, लेकिन कोरोना महामारी का कहर पूरी तरह से खत्म नहीं होने के चलते अभी भी लोग खरीददारी करने से कतरा रहे हैं। लोग केवलमात्र आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी करने में ही अपनी रुचि दिखा रहे हैं, जिसके चलते बिलासपुर शहर के कारोबारियों का कारोबार अभी भी पटरी पर नहीं लौट पाया है। बिलासपुर शहर की बात करें तो यहां पर कई नामी कंपनियों के शोरूम संचालित किए जा रहे हैं। जिनके व्यापार में गिरावट तो दर्ज की गई है, लेकिन यहां पर ऐसी नौबत नहीं आई है कि किसी शोरूम को बंद करना पड़े। बिलासपुर के लोग यहां पर कारोना महामारी से पहले खरीददारी के लिए पहुंचते थे। लेकिन जब से कोरोना महामारी का कहर बरप रहा है अब उस समय से लेकर अभी तक नाममात्र लोग ही खरीददारी के  लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, प्रधान संयुक्त व्यापार मंडल बिलासपुर नरेंद्र पंडित ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते शहर के व्यापारियों को भारी भरकम नुकसान झेलना पड़ा है। अभी भी करीब 20 से 30 फीसदी व्यापार हो रहा है। इसके चलते कारोबारियों को समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है।