कोरोना संकट में मनरेगा मददगार

जिला में 26198 को अभी तक मिल चुका रोजगार, बुजुर्ग भी रोजगार पाने में पीछे नहीं

भुंतर –कोरोना संकट के बीच दो वक्त की रोटी के जुगाड़ को तरस रहे गरीब कामगारों को मनरेगा का सहारा मिलने लगा है। जिला कुल्लू में लॉकडाउन में छूट के बाद आरंभ हुए मनरेगा के कामों में 26198 लोगों ने अब तक रोजगार पाया है। रोजगार पाने में युवाओं के साथ बुजुर्ग भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। लिहाजा, पैसे की कमी को लेकर कामगारों की बड़ी टेंशन फिलहाल कम होती नजर आ रही है। जिला ग्रामीण विभाग अभिकरण से मिली जानकारी के अनुसार जिला में शुरू से अब तक 235894 काम मनरेगा योजना के तहत पंजीकृत हुए हैं। इस सत्र के करीब दो माह से अधिक के समय में इन में से 26198 लोगों को सरकार ने योजना के तहत हो रहे विभिन्न प्रकार के कार्यों में रोजगार प्रदान किया है। महकमें के अनुसार आनी खंड में 6383, बंजार में 5058, कुल्लू में 5423, नग्गर खंड में 1722 और निरमंड खंड में 7612 कार्मिकों ने योजना के तहत कार्य किया है। योजना में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक की भागीदारी देखने को मिली है। हालांकि प्रशासन द्वारा 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है, लेकिन मनरेगा के काम को करने की मिली छूट के बाद बुजुर्गों ने भी रोजगार कमाना आरंभ कर दिया है। योजना में 71 बुजुर्गं ऐसे भी काम कर चुके हैं या कर रहे हैं, जो 80 वर्ष से अधिक की आयु के हैं। योजना में 18 से 30 वर्ष की आयु के 2422 कामगार, 31 से 40 वर्ष की आयु के 8989 कामगार, 41 से 50 वर्ष की आयु के 7505 कामगार, 51 से 60 वर्ष की आयु के 4522 और 61 से 80 वर्ष की आयु के 2689 कामगार भी अभी तक पंजीकरण कर काम कर रोजगार पा रहे हैं। कोरोना के संकट ने विभिन्न वर्ग के कामगारों के रोजगार को प्रभावित किया है और ऐसे में कई युवाओं के लिए रोजगार की चुनौतियां सामने आइ हैं। सरकार ने भी ऐसे लोगों व युवाओं को राहत प्रदान करने के लिए मनरेगा में युद्धस्तर पर कार्य आरंभ करवाने के साथ ही नए कार्य भी शामिल करवाए हैं और उन्हें करने की मंजूरी दी है।