चुनौतियां पार कर चमका शिक्षा बोर्ड

By: Jul 1st, 2020 12:05 am

एग्जाम वही थे, एग्जामिनर वही थे… और तो और शिक्षा बोर्ड भी वही था, पर समां हट कर था। कोरोनाकाल है ही कुछ ऐसा, जिसने अजीब हालात पैदा कर दिए। इस संकट के बीच हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का 12वीं का परीक्षा परिणाम भी आया, जिसमें कई रिकार्ड बने। वैश्विक महामारी के बीच प्लस टू के रिजल्ट में क्या कुछ निकला, कौन मुस्कुराया और किसने गिला किया, देखें इस बार का दखल…

सूत्रधार :  दिव्य हिमाचल टीम

कोरोना काल ने तोड़ दिया तीन साल का रिकॉर्ड

शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि कोरोना काल से पहले लगभग जमा दो कक्षा की परीक्षाएं हो गई थी, कुछ विषय पेंडिंग रहे थे। इस बार परीक्षा में 86633 छात्र बैठे थे। इनमें से 65654 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि 9391 छात्रों को कंपार्टमेंट आई है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने कोरोना महामारी के चलते कम्प्यूटर साइंस, शारीरिक विज्ञान और योग की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी, जिन्हें रद्द कर दिया था। इन विषयों के अंकों को प्राप्त कुल अंकों के आधार पर देने का फैसला लिया गया। छात्रों को चुनिंदा विषयों बायोलॉजी, बिजनेस स्टडी, अकांउट्स और केमिस्ट्री में ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय लिया था।

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के कोरोना काल में पूरी प्रक्रिया के तहत परीक्षा परिणाम घोषित करने वाला पहला बोर्ड बन गया है। कोरोना के मुश्किल दौर में मात्र कुछेक परीक्षाएं ही पेंडिंग रही थी, लेकिन अन्य महत्त्वपूर्ण विषय की परीक्षा हो चुकी थी। पेंडिंग एक महत्त्वपूर्ण विषय की परीक्षा दोबारा आयोजित की गई। इस बार परीक्षा परिणाम 76.07 फीसदी रहा। अगर तीन साल की परीक्षाओं के परिणाम की बात करें, तो 2016-17 में 72.89 प्रतिशत, शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 70.18 प्रतिशत और 2018-19 में 62.01 प्रतिशत परिणाम रहा है। चार वर्षों के नतीजे देखें, तो इसमें कोरोना काल में जारी हुए परीक्षा परिणाम 2019-20 में 76.07 प्रतिशत सबसे अधिक बेहतरीन रिजल्ट बन रहा है।  गौर हो कि इस बार सभी परीक्षाओं का मूल्यांकन भी लगभग कोरोना काल में ही हुआ है। जमा दो की परीक्षा में 86633 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इनमें 65654 छात्र पास हो पाए, जबकि 11017 छात्र फेल हो गए। इसके अलावा 9391 छात्रों का परिणाम कंपार्टमेंट रहा। जमा दो की परीक्षा में 43410 लड़के बैठे थे, जिनमें से 31439 पास हुए, जबकि 4298 लड़कियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 34215 छात्राएं पास हुई। मैरिट सूची में छात्राओं का दबदबा रहा। कला संकाय में पहले दस स्थान पर 26, विज्ञान संकाय में 34 तथा वाणिज्य संकाय में 23 छात्रों ने जगह बनाई है। मैरिट में एक बार फिर छात्राओं का दबदबा रहा है। 83 में 65 लड़कियां, जबकि महज 18 लड़के ही शामिल हैं। इस बार सुखद यह है कि मैरिट में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा है।

आर्ट्स-कॉमर्स में सरकारी, साइंस में निजी स्कूल चमके

आर्ट्स और कॉमर्स में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा, जबकि मात्र साइंस विषय में प्राइवेट स्कूल टॉप-10 की मैरिट लिस्ट में अपना स्थान बना सके। इससे पिछले वर्ष घोषित परीक्षा परिणाम में मात्र आर्ट्स विषय में ही सरकारी स्कूल छाए थे, लेकिन इस बार सरकारी स्कूलों के छात्रों ने कमाल करते हुए कॉमर्स पर भी कब्जा कर लिया है। इस बार मैरिट के कुल 83 स्थानों में से 46 में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा है, जबकि प्राइवेट मात्र 37 में ही सिमट कर रह गए हैं। आर्ट्स विषय के मैरिट में शामिल सभी 26 स्थानों में से 25 में सरकारी और मात्र एक में ही प्राइवेट स्कूल शामिल हो पाया है। साथ ही कॉमर्स में भी सरकारी स्कूलों ने बाजी मारते हुए कुल 23 टॉपर्ज में 13 सरकारी और 12 प्राइवेट स्कूलों के छात्र हैं। वहीं साइंस में कुल 34 टॉप-टेन में रहने वाले छात्रों में 24 प्राइवेट से हैं, जबकि सरकारी स्कूल दहाई के सम्मानजन स्कोर के साथ 10 तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष के मुकाबले सरकारी स्कूलों में बेहतर परिणाम देने के स्तर में काफी अधिक सुधार हुआ है। अब मात्र साइंस विषय में ही सरकारी स्कूलों के छात्र थोड़ा पीछे नज़र आ रहे हैं, जबकि आर्ट्स और कॉमर्स में सरकारी स्कूल पूरी तहर से प्राइवेट स्कूलों पर भारी पड़ रहे हैं।

बेटियों की बल्ले-बल्ले

83 स्थानों में से 65 पर कुडि़यों का कब्जा, 18 पर सिमटे गबरू

हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित जमा दो की सभी संकायों आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस की वार्षिक परीक्षाओं में इस बार देवभूमि की बेटियों की बल्ले-बल्ले हुई है। जमा दो के आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस में टॉप-10 मैरिट के कुल 83 स्थानों में से 65 में कुडि़यों ने बाजी मारी है, जबकि गबरुओं के हिस्से में मात्र 18 ही स्थान आ पाए हैं। प्रदेश भर में कॉमर्स और आर्ट्स में नंबर-वन भी लड़कियां ही रही हैं, जबकि मात्र साइंस में ही लड़का पहले स्थान पर काबिज हो पाया है। प्रदेश में इस बार बेटियों ने कॉमर्स और आर्ट्स की टॉपर लिस्ट से लड़कों को पूरी तरह से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मात्र साइंस ही ऐसी स्ट्रीम रही है, जहां लड़के अपनी लाज बचाते हुए कुल 34 में से 14 में अपना स्थान बना पाए हैं, लेकिन यहां भी बेटियां लड़कों पर भारी पड़ी हैं और उनके हिस्से में 20 स्थान आए हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव अक्षय सूद का कहना है कि कोरोना के चलते प्रक्रिया को पूरा कर परिणाम निकालना बड़ी चुनौति थी, लेकिन बाबजूद इसके बोर्ड कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने मिलकर इस चुनौति को स्वीकार करते हुए निर्धारित समय के भीतर बेहतर परिणाम दिया।

कांगड़ा मैरिट में आगे

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की कोरोना काल में घोषित जमा दो की सभी संकायों की वार्षिक परीक्षाओं में कांगड़ा जिला से सबसे अधिक 21 छात्रों ने टॉप-10 में स्थान प्राप्त किया है। वहीं आर्ट्स का टॉपर शिमला, साइंस का टॉपर कुल्लू और कॉमर्स का टॉपर सिरमौर जिला से रहे हैं। मैरिट में जिला कांगड़ा के छात्रों का सबसे अधिक दबदबा रहा है। जिला के 21 छात्रों ने मैरिट में स्थान हासिल करके प्रदेश भर में जिला का नाम रोशन किया है, जबकि दूसरा स्थान हमीरपुर ने कब्जाया है। यहां से 11, मंडी से दस, ऊना से नौ, सिरमौर व शिमला से आठ बिलासपुर से पांच, कुल्लू से चार व जिला चंबा से दो छात्रों ने मैरिट में स्थान हासिल किया है।

गलत चैकिंग से टूटी बिलासपुर की उम्मीद

परिणाम से संतुष्ट नहीं हूं। परीक्षा बेहतर हुई थी, लेकिन अपेक्षा अनुसार अंक नहीं मिल पाए। शिक्षकों की ओर से बेहतर शिक्षा प्रदान की गई, लेकिन परीक्षाओं में बेहतर अंक नहीं मिल पाए

दीक्षा जस्सल, छात्रा, अल्फा स्कूल, बरठीं

12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम अपेक्षानुसार नहीं रहा है। कुछेक बच्चों की मैरिट की अपेक्षा की थी, लेकिन गलत चैकिंग के कारण कई मेधावी इसमें पिछड़ गए हैं। इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है

—शालिनी कौंडल, शिक्षक

परिणाम से संतुष्ट नहीं हूं। कोरोना संकट के दौरान कई विषयों की परीक्षा नहीं हो पाई, जिसके चलते कई बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिल पाया

शशि कुमारी, अभिभावक

बेटी ने 432 अंक अर्जित किए हैं, लेकिन कहीं न कहीं निराशा भी हाथ लगी है। बोर्ड की ओर से घोषित परीक्षा परिणाम में कहीं न कहीं कमी भी रह गई है

—रामपाल, अभिभावक

12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम से वह संतुष्ट नहीं है। कोरोना संकट के चलते इस बार कम्प्यूटर साइंस की परीक्षा नहीं हुई। यह विषय अंक बढ़ाने का बेहतर माध्यम है, लेकिन बोर्ड की ओर से अपेक्षा अनुसार अंक नहीं दिए गए। हालांकि उनके शिक्षकों ने उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान की। परीक्षा परिणाम भी बेहतर रहा है, लेकिन बोर्ड की ओर घोषित किए गए परिणाम से वह संतुष्ट नहीं हैं

—प्रिया कुमारी, छात्रा, बरठीं

पारदर्शिता चाहता है नाहन

बारहवीं के इस बार के परिणाम में पिछले साल की तरह प्राइवेट सेक्टर के छात्रों को मैरिट में संतोषजनक स्थान नहीं मिला है। मैरिट लिस्ट में सिरमौर जिला के निजी स्कूलों की संख्या भी कम रही

—केके चंदोला, प्रिंसीपल, आदर्श विद्या निकेतन

परिणाम से संतुष्ट नहीं हूं। बोर्ड द्वारा जहां परीक्षा परिणाम में देरी की गई, तो वहीं विद्यार्थियों के अंक भी पिछले साल की तुलना में बेहतर नहीं आए हैं। बोर्ड को परीक्षा परिणाम में और अधिक पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है

—आनंद परमार, अभिभावक

अपनी मेहनत व बोर्ड के परीक्षा परिणाम से पूरी तरह संतुष्ट हैं और उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वह मैरिट में स्थान अर्जित करेंगे। परीक्षा परिणाम छात्रों द्वारा हल किए गए पर्चे पर निर्भर करता है, मैं बिल्कुल संतुष्ट हूं

— सुशांत चौहान, सेकेंड टॉपर, आर्ट्स

बोर्ड के परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं हूं। इस बार गत वर्ष की तुलना में विद्यार्थियों के कम अंक आए हैं। 90 फीदसी से अधिक अंकों की उम्मीद थी, परंतु 86 प्रतिशत अंक ही मिले। स्कूल शिक्षा बोर्ड को परीक्षा परिणाम में पारदर्शिता लानी होगी

—यशस्वी परमार, छात्र, करियर अकादमी

रिज़ल्ट से शिमला तो खुश है..

परिणाम अच्छा है। थोड़ा मलाल है कि लॉकडाउन के दौरान कुछ विषयों की परीक्षा नहीं हो पाई। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के अन्य विषयों के मुताबिक उस विषय के न बर देने के निर्णय से पूरा साल परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की मेहनत पर फर्क पड़ा है

—प्रताप सिंह चौहान, अभिभावक

रिज़ल्ट से काफी खुश हूं। टॉप-10 में आने के लिए दिन-रात पढ़ाई की है। हालांकि उन्हें थोड़ी निराशा भी है कि मैरिट में दसवां स्थान आया है, जबकि मेहनत टॉप-5 के लिए की थी

श्रद्धा चौहान, छात्रा

परिणाम सराहनीय रहा है। हमेशा की तरह इस साल भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों ने अपनी मेहनत का लोहा मनवाया है। बारहवीं में छात्राओं का दबदबा अधिक रहा

—नरेंद्र सूद, प्रधानाचार्य

छोटी काशी को मिला मेहनत का फल

इस मर्तबा बाहरवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम काफर संतोषजनक रहा है। हालांकि छात्रों की अपेक्षा के अनुरूप परिणाम थोड़ा कम आया है, लेकिन फिर भी छात्रों को उनकी मेहनत का पूरा फ ल मिला है

— रामलाल, अभिभावक, मंडी

जिस तरह से एग्जाम दिए थे, उसके अनुसार नंबर न मिलने से असुंष्ट हूं। अभिभावक भी खुश नहीं हैं

—अक्षय कुमार, छात्र, मंडी

परिणाम कुछ देरी से जरूर निकला, लेकिन संतोषजनक रहा। फिर भी इस वैश्विक महामारी के खतरे को भांपते हुए बोर्ड परीक्षाओं का संचालन कब और किस तरह से हो, इस बात पर विचार करना आवश्यक है, क्योंकि जो परीक्षा बच्चे नहीं दे पाए। उसकी वजह से परिणाम में क्या कमी रह गई या नहीं रही, यह तय करना मुश्किल है। आवश्यक है कि अगले वर्ष के लिए तैयारी इसी वर्ष तय कर ली जाए, ताकि सब की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके

—शशि शर्मा, हिंदी प्रवक्ता, मंडी

परीक्षा परिणाम से संतुष्ट है धर्मशाला

पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार परिणाम बहुत अच्छा रहा है और संतोषजनक भी। शिक्षा बोर्ड ने अच्छा कार्य किया है

 —अश्वनी भट्ट, प्रिंसिपल

कुछ परीक्षाएं पेंडिंग रही थी। व्यवस्थित तरीके से छात्रों को इनमें अंक दिए गए। साथ ही महत्त्वपूर्ण विषय की परीक्षा भी करवाई

—संजय चौधरी, शिक्षक

बोर्ड ने कोरोना दौर में रिजल्ट बनाने के लिए सुविधा अनुसार समय लिया है। उचित व्यवस्था के तहत परिणाम घोषित किया गया है

—तपिश थापा, शिक्षक

कर्फ्यू में बोर्ड ने बेहतर प्रबंधन दिखाते हुए छात्रों को प्रोमोट करने की बजाय पूरी प्रणाली के तहत रिजल्ट घोषित किया है

 —सुनील राजपूत, शिक्षक

शिक्षा बोर्ड ने कोरोना के मुश्किल दौर में भी बेहतरीन रिजल्ट निकाला है। हम रिजल्ट से पूरी तरह संतुष्ट हैं

—उत्तम डोगरा, अभिभावक

कोरोना काल में रिजल्ट बहुत बड़ी उपलब्धि है। फेल व कंपार्टमेंट वाले छात्रों के लिए भी बोर्ड को व्यवस्था करनी चाहिए

—राजेंद्र बड़जात्या, अभिभावक

कोरोना संकट को देखते हुए परीक्षाओं के मूल्यांकन को अलग विधि अपनाई गई है, लेकिन वह भी पूरी तरह से सुरक्षित रही है

—नीलम ठाकुर, अभिभावक

चंबा के होनहार मैरिट में

शिक्षा बोर्ड ने बेहतरीन रिजल्ट दिया है। अपने गणित व बिजनेस स्टडी विषय में आए अंकों से संतुष्ट नहीं हैं। इन दोनों विषयों का पुर्नमूल्यांकन करवाउंगा

  —हिमांक जोशी, छात्र, वाणिज्य, चंबा

लॉकडाउन के बावजूद बोर्ड ने जून में बोर्ड प्रबंधन ने जमा दो का रिजल्ट घोषित कर रिकार्ड बनाया है

भुवन पठानिया, अभिभावक, चंबा

जमा दो के परीक्षा परिणाम से संतुष्ट हूं। बोर्ड प्रबंधन ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद निश्चित अवधि में बेहतर परीक्षा परिणाम निकाला है। चंबा की दो होनहार छात्राओं ने मैरिट में उपस्थिति दर्ज करवाकर प्रतिभा का लोहा मनवाया हैं

मंगलेश शर्मा, इतिहास प्रवक्ता

+2 का यह रिजल्ट

छात्र –   86633

पास छात्र-    65654

फेल छात्र-    11017

कंपार्टमेंट छात्र- 9391

टोटल अबसेंट – 325

कुल छात्राएं- 42898

पास हुई गर्ल्ज- 34215

कुल छात्र-  43410

पास हुए ब्वायज-31439

कुल आरएलडी- 208

कुल पास प्रतिशत- 76.07

छात्र बर्बाद नहीं होने देना चाहता कुल्लू-केलांग

बारहवीं की परीक्षा का परिणाम अच्छा रहा, लेकिन जो छात्र पास नहीं हो पाए हैं, उन्हें शिक्षा बोर्ड को एक मौका देना चाहिए, ताकि किसी भी छात्र का साल बर्बाद न हो

—तनवी भोपाल, छात्रा, कुल्लू

परिणाम अच्छा रहा है। कुल्लू के छात्रों ने अच्छे अंक लिए हैं। अधिकतर छात्रों ने मैरिट में जगह बनाकर जिला का नाम रोशन किया हैं

—पुष्पेंद्र ठाकुर, अभिभावक

प्रदेश के कई स्कूल स्टाफ की कमी का दंश झेल रहे हैं। शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ भी है। ऐसे में कमोबेश परिणाम प्रभावित भी हुआ है। जहां नकल का बोलबाला था, वहां सीसीटीवी ऑनलाइन होने से नकल पर अंकुश लगा है

—डा. रमेश ठाकुर शिक्षक

परिणाम अच्छा रहा है। छात्र अच्छे अंक लेकर पास हुए हैं। जो छात्र फेल हुए हैं, उन्हें शिक्षा बोर्ड को एक मौका देना चाहिए

— श्याम हांडा, शिक्षक

प्रदेश शिक्षा बोर्ड को जमा दो की परीक्षा में उत्तीर्ण न होने वाले छात्रों को एक मौका और देना चाहिए

—ध्रुव शर्मा, छात्र, केलांग

घर में पेपर चैक होने से कुछ बच्चे हताश हुए हैं। मार्क्स में कमी रही है।  छात्रों को ज्यादा आस थी

—यज्ञ प्रकाश शर्मा, अभिभावक

एजुकेशन हब हमीरपुर में कहीं खुशी, कहीं गम

जमा दो की परीक्षा में 83 प्रतिशत अंक आए हैं। अपने परिणाम से संतुष्ट हूं। शिक्षकों का धन्यवादी हूं

—स्वास्तिक शर्मा, छात्र

ऑलओवर इस बार हमीरपुर का बारहवीं का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा है

 —राजदुलारी, अभिभावक

परिणाम अच्छा रहा है। हमीरपुर एजुकेशनल हब है, ऐसे में जरूरी हो जाता है कि साख ऐसे ही बनी रहे

—इंदु ढटवालिया, शिक्षक

परिणाम इस बार अच्छा रहा है। मैरिट में जगह पाने वाले छात्रों में प्राइवेट स्कूलों का स्कोर काफी बेहतर है

—वाटिका सूद, प्रिंसीपल, सुपर मैग्नेट स्कूल

परीक्षा में 95.8 फीसदी नंबर आए हैं। हां मुझे लगता है कि थोड़ी मेहनत और हो जाती, तो मैरिट में जगह बना सकती थी

—ईशा ठाकुर, छात्रा

रिज़ल्ट से कुछ हद तक तो संतुष्ट हूं। बेटी के 95.8 प्रतिशत अंकों से खुश हूं, पर ऐसा लगता है कि वह मैरिट में आ सकती थी

—नीतू कुमारी, अभिभावक

एजुकेशनल हब कहे जाने वाले हमीरपुर का परीक्षा परिणाम अच्छा रहा है। काफी बच्चों ने मैरिट में जगह बनाई है। बतौर शिक्षिका में स्टूडेंट्स की परफॉर्मेंस से काफी संतुष्ट हूं

—मीना बन्याल, पीजीटी बायोलॉजी

साइंस स्ट्रीम में 98 प्रतिशत मार्क्स से काफी खुश हूं और संतुष्ट भी। मैंने जितनी मेहनत की, मुझे उतने मार्क्स मिले हैं

ज्योति धीमान, छात्रा, सुपर मैग्नेट स्कूल

हमीरपुर क्योंकि शिक्षा में अग्रणी स्थान रखता है, इसलिए यहां बेहतर परिणाम की अपेक्षा सभी को ज्यादा रहती है। इस बार का परीक्षा परिणाम अच्छा रहा है

सुषमा धीमान, मैथ्स लेक्चरर

सोलन भी सहमत

परिणाम संतोषजनक रहा है, लेकिन इस वर्ष कोविड को देखते हुए शारीरिक शिक्षा व वोकेशनल सबजेक्ट्स की चैकिंग न होने से कुछ बच्चों को लाभ मिला है, तो कई का नुकसान हुआ है। कुछ बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने वोकेशनल सब्जेक्ट्स की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था, परंतु बाकी चार विषयों में कम अंक आने की वजह से उन्हें पांचवें विषय में भी कम अंक मिले हैं, जिस कारण उनकी परसेंटेज में गिरावट आई है

— यशवंत चौहान, अध्यापक 

परिणाम से संतुष्ट हैं। कला संकाय में जितनी उम्मीद थी, उतने ही मार्क्स आए हैं। परिणाम से काफी खुश हैं

— प्रिया, छात्रा

परिणाम से संतुष्ट हैं। बेटी ने अच्छे अंक लेकर परीक्षा उर्त्तीण की है। कोविड-19 के चलते इस वर्ष परिणाम घोषत होने में हुई देरी से बच्चों व अभिभावकों में डर पैदा हो गया था, पर अब संतुष्ट हैं

 —सुनिता, अभिभावक


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