पढ़ाई में कमजोर 73 फीसदी छात्र; पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की समझने की क्षमता काफी कम

By: Jul 3rd, 2020 12:06 am

सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की समझने की क्षमता काफी कम, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

शिमला  – हिमाचल प्रदेश में पहली से आठवीं तक के छात्रों की समझने की क्षमता काफी कम है। 2019-2020 में तो पहली से आठवीं तक के छात्रों के रिजल्ट को डेशबोर्ड पर शिक्षा विभाग नहीं उतार पाया, लेकिन अब समग्र शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से छात्रों के लर्निंग आउट कम्स को पहचानने के लिए पिछले साल के रिजल्ट का आकलन शुरू कर दिया। जल्द इस आकलन की प्रेजेंटेंशन सरकार के समक्ष दी जाएगी। फिलहाल 2018-2019 की रिपोर्ट को देखें, तो पहली से आठवीं तक के 73 प्रतिशत छात्र अभी भी पढ़ाई में कमजोर हैं। यह वे छात्र हैं, जिनमें समझने की क्षमता बहुत कम है। समग्र शिक्षा विभाग की रिपोर्ट को देखें, तो प्राइमरी में 80 प्रतिशत छात्रों ने ए, बी, सी ग्रेड फाइनल एग्जाम में लिए हैं। वहीं अगर बात करें अपर प्राइमरी की, तो छठी से आठवीं तक के छात्रों का रिजल्ट 53 प्रतिशत रहा। कुल मिलकार अपर प्राइमरी में 47 प्रतिशत छात्र पढ़ाई में कमजोर हैं। इसी तरह 2018-2019 की अगर यह रिपोर्ट देखी जाए, तो एक साल में छात्रों की पढ़ाई में सुधार होने की प्रतिशतता मात्र दो प्रतिशत तक ही ठीक हो पाती है। 2018-2019 में प्राइमरी में छात्रों की पढ़ाई में दो प्रतिशत सुधार हुआ था, वहीं इसी तरह छह प्रतिशत सुधार अपर प्राइमरी में हुआ था। समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें, तो इस साल भी इसी तरह अगर प्राइमरी व अपर प्राइमरी छात्रों के बच्चों के रिजल्ट में सुधार होता है, तो वह भी पांच प्रतिशत से ज्यादा नहीं हुआ होगा। ऐसे में विभाग के अधिकारियों को चिंता है कि लॉकडाउन की वजह से छात्रों की समझने की क्षमता का यह ग्राफ इसी तरह गिरता जाएगा। गौर हो कि लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के स्कूलों में फरवरी से स्कूल बंद हैं। इस वजह से छात्रों की पढ़ाई भी सही ढंग से नहीं हो पाई है। कोरोना की नजर अब छोटे बच्चों की शिक्षा पर धीरे-धीरे असर डालने लगी है। खासतौर पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवीं कक्षा तक के छात्र जिनके समझने की क्षमता ज्यादा नहीं होती, वहीं इन छात्रों को एक  शिक्षक की हमेशा जरूरत पड़ती है। 13 जुलाई के बाद छोटी कक्षाओं की पढ़ाई पर सरकार अलग से योजना तैयार करेगी। फिलहाल शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन स्टडी के लिए जो लिंक बनाएं थे, ओर सिलेबस छात्रों के लिए डाला था, उसे छुट्टियों के दौरान भी छात्र इस्तेमाल कर सकेंगे। समग्र शिक्षा विभाग अपने पोर्टल पर यह पूरा सिलेबस मैटीरियल उपलब्ध रखेंगे।

ऑनलाइन स्टडी से पिछड़ रहे स्टूडेंट

पहले ऑनलाइन स्टडी से भी छात्र पढ़ रहे थे, लेकिन मई माह से ऑनलाइन स्टडी से भी सरकारी स्कूल के छात्र पिछड़ रहे हैं। ऐसे में अब यह तो साफ है कि कोरोना वायरस की वजह से सरकारी शिक्षा पर भी बुरा असर पढ़ने वाला है। फिलहाल स्कूलों में अवकाश होने की वजह से 2019-2020 की रिपोर्ट स्कूलों से रिजल्ट की नहीं आ पाई। अब पुराने आंकड़े और इसी हिसाब से समग्र शिक्षा विभाग ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करेगा।


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