प्रदेश के सौ स्कूलों में सुधार लाएगी सरकार

मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, अधिकारियों को तय वक्त पर बजट आश्वासन पूरे करने के फरमान

शिमला –मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बजट आश्वासनों को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, ताकि इन योजनाओं का लाभ लक्षित समूहों तक पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री शनिवार को वर्ष 2020-21 के लिए बजट प्राथमिकताओं पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करे रहे थे। सीएम ने कहा कि स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना शुरू की जा रही है और योजना के तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों का गुणात्तमक बदलाव तथा छात्र-शिक्षकों का उचित अनुपात सुनिश्चित कर सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 15 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। प्रदेश के 12 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम बैचुलर ऑफ वोकेशनल कोर्स भी शुरू किए गए हैं और इस वर्ष प्रदेश के अन्य छह महाविद्यालयों में ऐसे पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषकर प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्तर के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कृषि उत्पाद संरक्षण योजना आरंभ की गई है, जिसके तहत राज्य के किसानों को एंटी हेलनेट लगाने के लिए ढांचे पर 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य में सुगंधित पौधों की खेती और इनके प्रचार के लिए महक योजना आरंभ की गई है। इन योजनाओं की सहायता से राज्य के किसानों की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी। किसानों को बेमौसमी सब्जियां और नकदी फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अधिकतर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने का प्रयास कर रही है। इससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि युवाओं को कृषि गतिविधियों में अपना सहयोग देने के लिए भी प्रेरित करेगा और युवाओं का शहरों की तरफ पलायन भी रुकेगा। मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, सचिव बागवानी अमिताभ अवस्थी, विशेष सचिव एनसीईएस हेमराज बैरवा, निदेशक उच्च शिक्षा डा. अमरजीत शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा रोहित जम्वाल, प्रमुख अभियन्ता जल शक्ति विभाग नवीन पुरी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।