फैमिली पेंशन स्कीम को मंजूदी दे सरकार

राजकीय अध्यापक संघ ने उठाई मांग; कहा, प्रदेश में लागू हो केंद्र की अधिसूचना

घुमारवीं-हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ बिलासपुर इकाई ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि केंद्र सरकार कि उस अधिसूचना को प्रदेश में भी लागू किया जाए, जिसमें सरकारी सेवा में कार्यरत राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को उनकी मृत्यु या उनके दिव्यांग होने की स्थिति में फैमिली पेंशन दी जाती है, ताकि प्रदेश में राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को इसका लाभ मिल सकें। जिला बिलासपुर इकाई के अध्यक्ष यशवीर रणौत ने बताया कि केंद्र सरकार की 2009 में जारी अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना के कर्मचारियों को उनके दिव्यांग और मृत्यु होने पर उनके परिवार को फैमिली पेंशन प्रदान की जाती है, लेकिन अभी तक प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान नहीं है। संघ प्रदेश सरकार से मांग करता है कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को उनके दिव्यांग और मृत्यु होने पर उनके परिवार को फैमिली पेंशन योजना की सुविधा तुरंत प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि आज जब कभी किसी राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत आने वाले कर्मचारी की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को लाचार होना पड़ता है। इस कारण इन कर्मचारियों को हर समय मानसिक रूप से तनाव में रहते हैं। प्रदेश सरकार को मामले की गंभीरता देखते हुए फैमिली पेंशन योजना को मंजूरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना किसी भी दृष्टिकोण से सरकारी कर्मचारियों के लिए उचित नहीं है। आज इस राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को 15 से 20 वर्ष तक सेवाएं देने के उपरांत 700 से 1500 रुपए नाममात्र पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं। अब सवाल है कि इस अंशिक राशि से क्या इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों का गुजारा संभव है। सरकार को पुरानी पेंशन योजना की पुनः बहाली को लेकर कदम उठाने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि संघ प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे पुरानी पेंशन योजना बहाली के आंदोलन का समर्थन करता है और इस आंदोलन में शामिल रहेगा।