बिजली की आंख-मिचौनी से पझौता-रासूमांदर तंग

यशवंतनगर-बिजली के बार-बार अघोषित कट लगने से राजगढ़ तहसील के रासूमांदर और पझौता क्षेत्र के सैकड़ों परिवार परेशानी से जूझ रहे हैं। इस क्षेत्र के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विद्यानंद सरैक, जाति राम कमल, सोमदत्त शर्मा, कुंदन, कर्म सिंह चौहान सहित अनेक लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में बिजली की लाइनें इतनी नाजुक हैं कि हल्की बारिश अथवा हवा चलने से टूट जाती हैं जिससे इस दूरदराज क्षेत्र में ब्लैक आउट हो जाता है। विशेषकर बरसात और सर्दी में लोगों को हर वर्ष बिजली न होने के कारण जूझना पड़ता है। इस कारण लोगों को अपने मोबाइल चार्ज करने के अतिरिक्त अन्य सभी विद्युत संबंधी उपकरण बंद होने से बहुत दिक्कत पेश आती है। विद्यानंद सरैक का कहना है कि पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा पझौता व रासूमांदर की करीब 20 हजार आबादी के लिए 3.15 एमपीए का नया विद्युत सब-स्टेशन स्वीकृत किया गया था, जिसकी आधारशिला शीलाबाग में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा वर्ष 2017 में रखी गई थी। इसके निर्माण के लिए करीब पांच करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई थी। उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों से इस सब-स्टेशन का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि विद्युत सब-स्टेशन के नाम पर केवल एक भवन बनाया जा रहा है। इसके अलावा सब-स्टेशन संबंधी अन्य उपकरण कुछ भी स्थापित नहीं किए गए हैं। जिस गति से इसका निर्माण चल रहा है उससे प्रतीत होता है कि इसके पूर्ण होने तक करीब दो वर्ष और लग सकते हैं। उधर, इस संबंध में सहायक अभियंता विद्युत बोर्ड राजगढ़ अंशुल ठाकुर ने बताया कि इस सब-स्टेशन के लिए 18 किलोमीटर लाइनें बिछा दी गई हैं और अब भवन व सब-स्टेशन स्थापित करना बाकी है जिसका कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।