मंडी की बेटी मुंबई में कोरोना योद्धा

कोरला बांद्रा आईसीयू में बतौर स्टाफ नर्स दे रही सेवाएं, मरीजों का हौसला बढ़ाया

मंडी-अगर काम हौसले और लग्न के साथ किया जाए, तो कामयाबी के लिए राह आसान हो जाती है। कोरोना काल में हर इनसान डरा हुआ है, लेकिन मंडी शहर के रविनगर की प्रीति वर्धन मुंबई में कोरोना योद्धा बनकर कोविड-19 सेंटर कोरला बांद्रा आईसीयू में बतौर स्टाफ नर्स ड्यूटी दे रही है। मंडी की बेटी अपनी जिंदगी को दांव पर लगा कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रही है। आईसीयू में जहां प्रीति की ड्यूटी है। वहां एक समय में काफी कोरोना संक्रमित सहित अन्य रोगों के मरीज एडमिट होते हैं। लगातार दो से तीन दिन ड्यूटी देकर कोरोना संक्रमित लोगों की देखभाल की जा रही है। इनमें छह घंटे लगातार पेसेंट के साथ होते हैं। प्रीति के पिता रविंद्र कुमार एचआरटीसी से सेवानिवृत्त हुए हैं और माता कौशल्या देवी जलशक्ति विभाग में कार्यरत हैं, जबकि बहन शालिनी वर्धन बीटेक की है। प्रीति वर्धन के पिता रविंद्र कुमार उर्फ रवि ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जब अस्पताल में लाए जाते हैं, तो बहुत डरे व सहमे होते है, लेकिन प्रीति मरीजों का मोटिवेशन करके मनोबल बढ़ा रही है। इससे मरीजों में बीमारी से लड़ने का साहस बढ़ रहा है। रविंद्र कुमार ने बताया कि प्रीति इससे पहले कोकिला वेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दो वर्ष अपनी सेवाएं दे चुकी है। कुछ दिन पहले उसका महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग में चयन हो गया, अब वह कोरला बांद्रा में अपनी सेवाएं दे रही है। प्रीति ने मध्य प्रदेश से एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई की है, जबकि  इससे पूर्व मंडी कन्या पाठशाला में जमा दो तक कला संकाय की शिक्षा ग्रहण कर चुकी है। वहीं बांद्रा से प्रीति ने बताया कि कोरोना काल में कोई डर नहीं लगता है। उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2016 से मुंबई में है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देना प्राथमिकता है। उन्हें माता-पिता व बहन आगे बढ़ने के लिए पूरी सपोर्ट करते हैं। प्रीति  ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ-साथ मंडी जिला व हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन करना चाहती है। उन्होंने बताया कि वह अपने मुकाम को  हासिल करने के कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें घर की याद तो आती है, लेकिन देश सेवा, जन सेवा प्रथम है।