मणिकर्ण के होटलों में टूरिस्ट की नो एंट्री

 होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष का खुलासा, बिना गाइडलाइन-बुकिंग के नहीं आ पाएंगे पर्यटक

कुल्लू-भले ही पर्यटन कारोबारियों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने बीते दिनों गाइडलाइन जारी कर यहां के पर्यटन स्थलों के द्वार खोल दिए हैं। वहीं, इसके बाद पर्यटकों का आवागमन भी शुरू हो गया, लेकिन विश्व पटल में  प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन नगरी मणिकर्ण के बड़े होटल कारोबारी जुलाई महीने में पर्यटकों के लिए होटल नहीं खोलेंगे। इस फैसले का खुलासा मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन ठाकुर ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कोरोना कोवडि-19 के पॉजिटिव सैंपल  आने के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस पूरे माह तक पर्यटकों को मणिकर्ण वैली के बड़े होटल नहीं खोलें जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे जिला प्रशासन के साथ-साथ प्रदेश सरकार को भी पहले ही एसोसिएशन ने पत्राचार कर सूचित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने के लिए गाइडलाइन जारी कर पर्यटकों के लिए जो द्वार खोलने का निर्णय लिया है, यह कोरोबारी के हित्त में है, लेकिन कोरोना मामले बढ़ने से स्थिति बिगड़ती जा रही है। ऐसे में मणिकर्ण में फिलहाल बड़े होटलों को बंद रखा जाएगा। कोरोना के मामले बढ़ने से यह निर्णय लिया है। अध्यक्ष ने कहा कि मणिकर्ण के जितने भी पंजीकृत और बड़े होटल संचालक हैं, उन सब की यह सहमति है। उन्होंने कहा कि जिन होटल संचालकों ने गाइडलाइन अनुसार होटल खोलने होंगे, वे खोल सकते हैं। उन्हें होटल बंद रखने के लिए फोर्स नहीं किया जाएगा। आगामी समय में भी परमिशन, बुकिंग और सरकार की गाइडलाइन के आधार पर भी पर्यटकों को छोड़ा जाएगा। वहीं, मणिकर्ण होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि जो पर्यटक बिना कोविड टैस्ट रिपोर्ट के साथ यहां आ रहे हैं, वे दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि बाहरी राज्य के पर्यटक बिना कोविड टेस्ट के बीते दो दिनों पहले जिला कुल्लू की ओर कैसे पहुंचे। क्यों इन पर्यटकों की अन्य जिला के बैरियरों से कुल्लू की ओर बढ़ने दिया और क्यों इनकी कोविड टेस्ट रिपोर्ट की जांच नहीं की गई, यह एक अन्य जिला की निगरानी और व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।  वहीं, मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन ने सरकार और जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग से यह भी मांग की है कि जो जिला में बिना पंजीकरण के होटल और घरों में होम स्टे, रेस्तां चले हुए हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए। वहीं, जितने भी पर्यटक यहां आ रहे हैं प्रदेश के सभी बैरियरों पर उनकी अच्छे तरीके से जांच की जाए, जिससे कुल्लू सुरक्षित बच सकता है।