यहां पालकी में सड़क तक पहुंचाए जाते हैं मरीज

By: Jul 11th, 2020 12:10 am

गुशैणी-जिला कुल्लू उपमंडल बंजार में तीर्थन घाटी के कई गांव आजादी के दशकों बाद भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां की ग्राम पंचायत नोहांडा के सैकड़ों लोग आज भी सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ग्राम पंचायत नोहांडा कहने को तो विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है, जहां पर जैविक विविधता का अनमोल खजाना छिपा पड़ा है,  यहां प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में अनुसंधानकर्ता, प्राकृतिक प्रेमी, पर्वतारोही, ट्रैकर और देशी-विदेशी सैलानी घूमने फिरने का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं, लेकिन इस क्षेत्र के बाशिंदे आज तक विकास से कोसों दूर हैं। यहां के लोग सड़क, रास्तों, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस पंचायत के गांवों दारन, शूंगचा, घाट, लाकचा, नाहीं, शालींगा, टलींगा, डींगचा, खरुंगचा, नडाहर और झनियार आदि के सैकड़ों लोग अभी तक सरकार व प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे है कि कब तक उनकी देहलीज तक भी सड़क पहुंच जाए। यही नहीं, जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो मरीज को दुर्गम पहाड़ी पगडंडी रास्तों से लकड़ी की पालकी में उठाकर सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसा ही मामला गुरुवार शाम को तीर्थन घाटी की दूर दराज ग्राम पंचायत नोहांडा के गांव नाहीं में सामने आया। नाहीं गांव के बाशिंदों लोभु राम, दुर्गा दास, लाल सिंह, हिम चंद, भेद राम, सीता राम, दिले राम,  गोपाल चंद, जॉनी, मेघ सिंह, इंद्र सिंह, तारा चंद, रमाकांत शलाठ आदि का कहना है कि मरीजों को इलाज के लिए सड़क मार्ग तक पैदल ही पहुंचाना पड़ता है। इस क्षेत्र से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को हाई स्कूल व इससे आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रतिदिन करीब दो से पांच घंटे तक का सफर पैदल तय करना होता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां कोई भी दवाखाना या सरकारी डिस्पेंसरी नहीं है। लोगों को सर्दी-जुकाम की दवा लेने के लिए भी करीब छह किलोमीटर का पैदल सफर करके पहाड़ी रास्तों से होकर गुशैनी पहुंचना पड़ता है। लोगों का कहना है कि सड़क के नाम से वर्ष 2008 से सभी दलों के नेता कोरे आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन धरातल स्तर पर कुछ भी परिवर्तन नहीं हो रहा है। गत वर्ष गुशैणी में हुए जनमंच में भी इन्होंने अपनी समस्या से सरकार व प्रशासन को अवगत करवाया था, लेकिन सड़क निर्माण के नाम पर अभी महज कागजी आश्वासन ही मिले हैं।  उधर, लोक निर्माण विभाग उपमंडल बंजार के सहायक अभियंता रोशन लाल ठाकुर का कहना है कि नगलाड़ी नाला से नाहीं घाट लाकचा प्रस्तावित सड़क को राज्य सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन नाबार्ड से इसकी मंजूरी मिलना बाकी है। मंजूरी मिलते ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।


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