43 दिनों में तीन करोड़ की करारी चपत

By: Jul 14th, 2020 12:22 am

एचआरटीसी डिपो नगरोटा बगवां की बढ़ी चिंताएं, बसों में सवारियां न बैठने से घाटा

नगरोटा बगवां-अनलॉक के 43 दिन बाद भी हिमाचल पथ परिवहन निगम का कारोबार पटड़ी पर नहीं लौट पा रहा, जिसके चलते प्रबंधकों की चिंताएं आज भी बदस्तूर बनी हुई हैं। निगम के नगरोटा बगवां स्थित डिपो को गत 43 दिनों में करीब दो करोड़ 94 लाख का घाटा उठाना पड़ा है, जिस कारण प्रबंधन को कम सवारियों की वजह से कई रूट बंद करने पड़ गए हैं। हालांकि सरकार ने 100 फीसदी क्षमता के साथ बसों को चलाने की छूट दे दी है तथापि बसों में इतनी सवारियां भी देखने को नहीं मिल रही, जिससे खर्चा पूरा हो सके ।  निगम ने जन सुविधा के चलते पहली जून से लेकर सोमवार तक दो लाख पांच हजार 469 किलोमीटर बसें दौड़ा कर मात्र 42 लाख 43 हजार 824 रुपए का राजस्व कमाया जो कि गत वर्ष इसी अवधि की कमाई से दो करोड़ 94 लाख 33 हजार 940 रुपए कम है । गत वर्ष इन्ही दिनों 43 दिन में डिपो की आमदन तीन करोड़ 36 लाख 77 हजार 764 रुपए थी जो इस वर्ष इन्हीं 43 दिनों में 42 लाख 43 हजार 824 पर ही सिमट गई । तब निगम के इस डिपो की आमदन 43 रुपए प्रति किलोमीटर थी जो आज बामुश्किल 20 रुपए प्रति किलोमीटर को छू पा रही है । इसी 43 दिन की अवधि में प्रदेश भर में निगम की बसें 53 लाख 89 हजार 469 किलोमीटर दौड़ीं, जिन्होंने 11 करोड़ 28 लाख 32 हजार 156 रुपए राजस्व कमाया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि की कमाई 102 करोड़ 73 लाख 94 हजार 758 थी जो गत वर्ष की तुलना में 91 करोड़ 45 लाख 62 हजार 602 रुपए कम है । जुलाई माह में आमदन के हिसाब से  पीछे चल रहा निगम का डिपो कुल्लू तथा आगे चल रहे डिपुओं में शिमला दर्ज किया गया है ।  उधर, सवारियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए नगरोटा बगवां डिपो ने जून माह की तुलना में अपने रूटों को 57 से घटा कर 34 तक समेत लिया है। हालांकि आज भी कई पुराने रूटों को ट्रायल के लिए पुनः बहाल करने की कवायद जारी है । प्रबंधन ने आज तक बंद पड़े बेजनाथ-ऊना  प्रातः 5ः40 तथा नगरोटा-नादौन 6ः15 प्रातः को दोबारा शुरू कर दिया है ।


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