80 हजार युवाओं को रोजगार, प्रदेश में वोकेशनल कोर्स पूरा कर चुके छात्रों को मिलेगी सौगात

By: Jul 11th, 2020 12:05 am

शिमला  – हिमाचल प्रदेश में कोरोनाकाल के इस संकट में 80 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश समग्र शिक्षा विभाग ने वोकेशनल कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे    इस समय जब स्कूल बंद हैं, तो छात्रों की प्लेसमेंट पर कार्य करें। वहीं जो छात्र अपना वोकेशनल का कोर्स पूरा कर चुके हैं, उन्हें रोजगार देने को कहा है। बता दें कि सरकारी स्कूलों में अब वोकेशनल के बाद रोजगार का भी अवसर छात्रों को दिया जाएगा। छात्र अब वोकेशनल का सर्टिफिकेट लेने के बाद बाहर नौकरी करना चाहते हैं, तो उन्हें प्लेसमेंट का सुनहरा मौका प्रदान किया जाएगा। समग्र शिक्षा विभाग ने प्रदेश में वोकेशनल शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थानों को रोजगार के अवसर छात्रों को देने के आदेश जारी किए हैं। हर साल वोकेशनल कंपनियों को छात्रों की प्लेसमेंट के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों को स्कूलों में बुलाना पड़ेगा। बता दें कि मौजूदा समय में प्रदेश के 953 स्कूलों में यह वोकेशनल शिक्षा चल रही है। खास बात यह है कि इस साल भी 80 नए स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू करने का फैसला शिक्षा विभाग ने लिया है। बताया जा रहा है कि वोकेशनल पढ़ने वाले छात्रों को बाद में रोजगार के लिए धक्के न खाने पड़े, इसी मकसद से वहां पर उन्हें नौकरी के लिए विभिन्न कंपनियों से इंटरव्यू करवाए जाएंगे। बता दें कि 80 नए सरकारी स्कूलों का वोकेशनल कोर्स को चयन कर दिया गया है। अब नए सत्र से चयन किए गए स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू होने के साथ ही नए ट्रेनर भी नियुक्त किए जाएंगे। समग्र शिक्षा विभाग ने वोकेशनल कोर्स को नए स्कूलों में करने की तैयारी कर ली है। खास बात यह है कि इस बार नए स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने के साथ ही नए विषय भी दिए जा रहे हैं, जिनमें ब्यूटी वेलनेस, प्लंबर और बीएफएसआई व नए कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है। बता दें कि छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए लॉकडाउन के बीच भी ऑनलाइन  छात्रों को वोकेशनल कोर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे छात्र इन कोर्सेज को पढ़कर इनका लाभ उठा सकें। वोकेशनल कोर्सेज की संख्या बढ़ाने के साथ ही शिक्षा विभाग की ओर से इनमें नए ट्रेड भी शुरू किए जा रहे हैं। गौर हो कि स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज के ट्रेड भी मात्र 11 ही चल रहे हैं, लेकिन अब तीन नए ट्रेड शामिल कर दिए गए हैं। इसमें छात्र-छात्राएं अपनी पसंद के हिसाब से किसी भी वोकेशनल कोर्सेज के अलग-अलग ट्रेंड में प्रवेश ले सकेंगे। नए कोर्स शुरू होने के बाद छात्रों को अपनी फील्ड में रोजगार के अवसर तलाशने में सहायता मिल सकेगी। शिक्षा विभाग का दावा है कि सरकारी विद्यालयों में नवीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक चार वर्ष में रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का अथक प्रयास किया जा रहा हैं। यह शिक्षा मात्र एक सौ वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में 9 हजार विद्यार्थियों से शुरू की गई थी, जो आज बदलकर 953 पाठशालाओं पर पहुंच गई है, और इसमें आज 85 हजार विद्यार्थी इस रोजमार उन्मुखी शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।


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