आपकी मदद से बच सकता है असहाय परिवार; पति के इलाज को दर-दर भटक रही इंदिरा देवी, अब दानी सज्जनों पर टिकी है अंतिम आस

By: Jul 12th, 2020 9:41 pm

चुवाड़ी –  कहते हैं कि  मुसीबत कभी अकेले नहीं आती है। आती है,तो मुसीबतों का पहाड़ लेकर। कुछ ऐसे ही वज्रपात हुआ है चंबा जिला में भटियात हलके के एक गरीब परिवार के साथ। मामला जला चंबा के भटियात उप-मण्डल के पुरखेड गाँव का है। इस गांव की इंद्रा देवी अपने पति के इलाज को दर दर भटक रही हैं। इंदिरा बेहद गरीब परिवार से है। पति बीमार हुआ ,तो उसके इलाज से पहले ही जमा पूंजी खर्च हो गई। मात्र टेस्ट ही हो पाए थे कि इंदिरा के सारे गहने और नकदी खत्म हो गई।  अब न तो यह पता है कि आखिर बीमारी क्या है और इस पर कितना खर्च आना है। क्योंकि आगामी टेस्ट के लिए पैसे ही खत्म हो गए हैं। अब इंदिरा गरीबी और तंगहाली से इस कदर बेवस हो चुकी है कि अब उसे अपने बीमार पति के इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उसने अब अपने बीमार पति के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है।

इंद्रा देवी का कहना है कि वह गाँव पुरखेड डाक घर अवांह तहसील भटियात जिला चंबा की स्थायी निवासी है और बहुत ही गरीब परिवार से सबंध रखती है। उन्होनें कहा कि मेरा परिवार गरीबी रेखा से नीचे दर्ज है। और मेरे पति पिछले 15 साल से गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। जिनका मैंने टांडा हॉस्पिटल में भी इलाज करवाया था। उन्होनें कहा कि मेरे पास जो भी रुपये और गहने थे उनसे अपने पति के टेस्ट ही करवा सकी। पैसा खत्म होने के कारण वे अपने पति को अपने घर वापस लेकर आ गई है और देसी इलाज करवाने लगी है। पैसे न होने के कारण मुझे मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा था। मेरे ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। आय का साधन न होने के कारण मुझे खुद मजदूरी करके अपने परिवार का पालन करना पड़ रहा है। बहरहाल अब दानी सज्जनों पर ही इंदिरा की अंतिम उम्मीद टिकी है। आइए हम सब मिलकर इस निर्धन परिवार की मदद करें। हम और आपकी थोड़ी सी मदद एक मरीज और एक परिवार को नई जान दे सकती है।


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