बस आपरेटरों की मुश्किलें बढ़ीं

बिलासपुर-जिला बिलासपुर निजी बस आपरेटर यूनियन के पूर्व प्रधान अनिल कुमार मिंटू ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि उन्होंने सरकार के आदेशानुसार अपनी बसों को सड़कों पर उतार कर देख लिया, लेकिन खर्चा तक पूरा न होने के कारण अब प्राइवेट बस आपरेटर बसें चलाने में पूरी तरह से असमर्थ हैं। क्योंकि इस दौरान साठ प्रतिशत सवारियों को बिठाने की शर्त के तहत बसों को सड़क पर लाया तो गया, लेकिन साठ प्रतिशत सवारियां भी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि कोविड-19 यानि कोरोना वायरस का खौफ  जनता के मन में घर कर गया है तथा लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं। लोग अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं और इसी बात को सरकार ने भी माना है, क्योंकि जिस जोर शोर से सरकार ने एचआरटीसी का बेड़ा सड़कों पर उतारा था, तो सरकार का यह प्रयोग भी विफल रहा है। अब मुश्किल से दस या बीस प्रतिशत बसें चल रही हैं। अनिल कुमार मिंटू ने कहा कि कोरोना से पिटे गए आपरेटर अभी अपनी सांसों को संभाल ही रहे थे कि डीजल के दाम में पेट्रोल से ज्यादा हुई बढ़ोतरी ने आपरेटरों की कमर पूरी तरह से तोड़ दी है। सरकार ने पेट्रोल से ज्यादा डीजल के दाम बढ़ाकर न सिर्फ  इतिहास रचा है, बल्कि बस आपरेटरों की उम्मीद पर भी डीजल छिड़क दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश की आर्थिकी में अपना अहम योगदान देने वाले प्राइवेट बस आपरेटरों के बारे में भी सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए।