सीबीएसई दसवीं में बेटियों की बल्ले-बल्ले, हिमाचल प्रदेश में 96.92 फीसदी रहा रिजल्ट
हिमाचल में 96.92 फीसदी रहा रिजल्ट, 98.14 फीसदी छात्राएं- 95.99 फीसदी छात्र पास
शिमला – हिमाचल प्रदेश ने दसवीं सीबीएसई के रिजल्ट में पंचकूला जोन में हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। हिमाचल में सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट 96.92 प्रतिशत रहा, जबकि हरियाणा का रिजल्ट 94.01 प्रतिशत रहा। खास बात यह है कि जमा दो के बाद दसवीं के रिजल्ट में भी प्रदेश में बेटियों ने बाजी मारी है और लड़कियों की पास प्रतिशतता लड़कों से अधिक रही। हिमाचल का कुल परिणाम 96.92 फीसदी रहा है। हिमाचल से 10वीं कक्षा की परीक्षा में 8686 छात्र और 6560 छात्राएं बैठी थीं, जिनमें से 8338 छात्रों ने ओर 6438 छात्राओं ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की है। लड़कों की पास प्रतिशतता का आंकड़ा 95.99 फीसदी रहा है, जबकि लड़कियों की पास प्रतिशतता 98.14 फीसदी रही। प्रदेश में अगर बात की जाए तो सीबीएसई स्कूलों में से जवाहर नवोदय विद्यालय स्कूलों के छात्रों का परीक्षा परिणाम सबसे बेहतर रहा है। जवाहर नवोदय विद्यालय स्कूलों का कुल परिणाम 99.74 फ़ीसदी रहा है। जवाहर नवोदय विद्यालय स्कूल के बाद केंद्रीय विद्यालय स्कूलों के छात्रों ने सीबीएसई की 10वीं कक्षा की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है और केंद्रीय विद्यालय स्कूलों के पास प्रतिशतता 99.60 फीसदी रही है। इसके अलावा इंडिपेंडेंट स्कूलों की पास प्रतिशतता 96.67 फीसदी और सिटी से स्कूलों के छात्रों की पास प्रतिशतता का आंकड़ा 94.84 फीसदी रहा है। वहीं, पंचकूला रीजन की बात की जाए तो इस परिणाम में हिमाचल हरियाणा से आगे रहा है। सीबीएसई दसवीं की परीक्षा में हिमाचल के 70 प्रतिशत छात्र फर्स्ट डिवीजन से पास हुए है, वहीं 30 प्रतिशत छात्र सेंकेड डिवीजन में हैं। सीबीएसई रिजल्ट में हिमाचल के बेहतर परिणाम से प्राइवेट स्कूल प्रबंधन में खुशी की लहर है।
हमीरपुर पब्लिक स्कूल की अनाहिता शर्मा अव्वल
हमीरपुर – एजुकेशनल हब के नाम से प्रसिद्ध हमीरपुर ने सीबीएसई दसवीं के परीक्षा परिणाम में प्रदेशभर में शीर्ष पर जगह बनाई है। हमीरपुर पब्लिक स्कूल की छात्रा अनाहिता शर्मा ने 99.1 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश में टॉप (प्राप्त जानकारी तक) किया है। इस छात्रा के 600 में से 595 अंक आए हैं। स्कूल के प्रिंसीपल घनश्याम कश्यप ने कहा कि अनाहिता ने न केवल इस स्कूल के नाम पर चार चांद लगाए हैं, बल्कि सबको गौरवान्वित भी किया है। हमीरपुर से कुछ दूर स्थित बजूरी की रहने वाली अनाहिता ने कहा कि मेरी मेहनत के अलावा यह सब शिक्षकों के मार्गदर्शन और माता-पिता के सहयोग और आशीर्वाद से संभव हो पाया है। बता दें कि अनाहिता के माता-पिता भी शिक्षक हैं। अनाहिता आगे चलकर क्या बनेगी, इस बारे में तो उसने अधिक नहीं बताया, लेकिन कहा कि मेरा अभी टारगेट आईआईटी है। स्कूल के अलावा वह घर आकर तीन से चार घंटे पढ़ाई करती थी, लेकिन एग्जाम के टाइम में रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई की।
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