चितकारा यूनिवर्सिटी में होगी एमटेक ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग

बीबीएन – चितकारा यूनिवर्सिटी ने ऑटोमोटिव रिसर्च एंड टेस्टिंग आर्गेनाइजेशन  (एआरएआई)  पुणे के साथ मिलकर ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में एमटेक प्रोग्राम को शुरू करने का ऐलान किया है।  ऑटोमोटिव वाहनों को लेकर उपभोक्ताओं पसंद और मांग में पिछले एक दशक में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हुई है। कडे़ उत्सर्जन मापदंडों, पेट्रोल की बढ़ती कीमतों व उपभोक्ताओं की आय में बढ़ोतरी के कारण ऑटोमोटिव टेलेंट की मांग में भी अप्रत्याशित तौर पर बढ़ोतरी दर्ज हुई है। उद्योगों की एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2030 में शेयर्ड मोबिलिटी व इलेक्ट्रिकल वाहनों की मांग में भारत ग्लोबल लीडर बनने जा रहा है। इसका कारण मध्यम वर्ग की आय में बढोतरी, एफडीआई में बढोतरी (सन 2019-2020 में ़ 23.3 बिलियन) और अनुकूल सरकारी नीतियां हैं। यह सब वाहन निर्माताओं को नए वाहनों के विकास, परीक्षण क्षमताओं को विकसित करने और आपूर्ति श्रृंखला को फिर से डिज़ाइन करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करने वाला है। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में टेलेंट की कमी को दूर करने और देश के निर्माण में योगदान देने के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी ने ऑटोमोटिव रिसर्च एंड टेस्टिंग आर्गेनाइजेशन (एआरएआई), पुणे के साथ मिलकर ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में एम.टेक प्रोग्राम को शुरु किया है। इसके तहत छात्रों को एक साल तक के लिए एआरएआई पुणे में गहन ट्रेनिंग करने का अवसर मिलेगा।  भारत के ऑटोमोटिव हब में काम करने का अनुभव न सिर्फ उन्हें इंडस्ट्रीज की ताजातरीन ज्ञान से अवगत कराएगा बल्कि उन्हें जाब मार्केट में सबसे योग्य भी बनाने में सक्षम होगा।

इंडस्ट्रीज की जरूरतों का हो ध्यान

चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो. वाइस चांसलर डाक्टर मधु चितकारा का कहना है कि एआरएआई के साथ ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में शुरु किया गया दो वर्षों का पाठ्यक्रम  चितकारा यूनिवर्सिटी के उन सतत प्रयासों का नतीजा है जो कि वह इंडस्टीज के लीडर्स के साथ मिलकर तैयार करती है ताकि  स्थानीय प्रतिभा के विकास के जरिए देश के विकास में योगदान दिया जा सके। उन्होंने कहा की चितकारा यूनिवर्सिटी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मिशन का पूरी तरह से समर्थन करती है और यह तालमेल यह सुनिश्चित करेगा कि कोर्स का पाठ्यक्रम डायनेमिक व इंडस्ट्रीज की जररूरतों के मुताबिक हो। इसके साथ ही छात्र अपनी डिग्री कोर्स के दौरान इंडस्ट्री की सबसे बेस्ट प्रेक्टिसेस से भी रु-ब-रु हो सकें।  इस कोर्स के दौरान छात्रों वाहनों के जीवन-चक्र (डिजाइन, निर्माण, परफारमेंस, ड्यूरेबिलिटी टेस्टिंग) का अध्ययन करेंगे।