दिल्ली में सभी यूनिवर्सिटी एग्जाम्स रद्द, केजरीवाल सरकार ने लिया बड़ा फैसला, केंद्र से भी गुहार

By: Jul 12th, 2020 12:07 am

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते केजरीवाल सरकार ने लिया बड़ा फैसला, केंद्र से भी गुहार

नई दिल्ली – मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख इस संबंध में गुहार लगाई है। दिल्ली सरकार ने अपनी यूनिवर्सिटीज के एग्जाम कैंसिल कर दिए हैं, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी केंद्र के तहत आती है, इसलिए उस पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है। केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना जैसी अभूतपूर्व आपदा के समय अभूतपूर्ण निर्णय लेने होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग  अपनी गाइडलाइंस में बदलाव करें। दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को ऐलान किया कि सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज की लंबित परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। इसमें फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस सेमेस्टर कोई खास पढ़ाई नहीं हो सकी है। इसलिए सरकार का मानना है कि ऐसे में परीक्षाएं भी नहीं होनी चाहिए। हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूरी तरह सहमत हैं कि असाधारण परिस्थितियों में हमें असाधारण फैसले लेने की जरूरत होती है।  दिल्ली सरकार की आईपी यूनिवर्सिटी, आंबेडकर यूनिवर्सिटी, डीटीयू व अन्य संस्थानों में एग्जाम नहीं होंगे, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) से जुड़े दिल्ली सरकार के कालेजों के बारे में केंद्र को फैसला करना होगा।

छात्रों को अब ऐसे मिलेगी डिग्री

सिसोदिया के मुताबिक, सरकार ने सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज से कहा है कि वे पहले हो चुकीं परीक्षाओं, सेमेस्टर रिकार्ड्स या अन्य उचित तरीकों के आधार पर स्टूडेंट्स का मूल्यांकन करें। बिना परीक्षा के मूल्यांकन कर इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को अगले सेमेस्टर में प्रोमोट करें और फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान करें। जिस डिग्री के लिए फाइनल ईयर स्टूडेंट्स कई साल से कड़ी मेहनत कर रहे हैं, उन्हें वह समय पर मिलनी चाहिए, ताकि वे नौकरियों के लिए अप्लाई कर सकें।

स्टूडेंट्स को दें दूसरा मौका

नई दिल्ली – मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिया कि जो स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ है, उन्हें बाद में परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। दरअसल, कालेज-यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लेकर स्टूडेंट्स और टीचर्स की तरफ से हो रहे भारी विरोध के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। श्री पोखरियाल ने कहा कि यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स की सुविधा के आधार पर इन परीक्षाओं का कभी भी आयोजन कर सकते हैं। इससे पहले यूजीसी ने देशभर में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। अपने संशोधित दिशा-निर्देशों में आयोग ने कहा था कि अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए अब परीक्षाएं सितंबर में आयोजित होंगी। लगातार किए कई ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में टर्मिनल सेमेस्टर/अंतिम वर्ष का कोई भी विद्यार्थी उपस्थित होने में असमर्थ रहता है, चाहे जो भी कारण रहा हो, तो उसे ऐसे पाठ्यक्रम (पाठ्यक्रमों) /प्रश्नपत्र (प्रश्नपत्रों) के लिए विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है। कई राज्यों द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी के दिशा-निर्देशों का पालन करने से इनकार करने के बाद पोखरियाल ने ट्विटर हैंडल के जरिए कई ट्वीट किए। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और पंजाब के बाद शनिवार को दिल्ली ने भी कहा कि बढ़ते कोरोनोवायरस के मामलों की वजह से वह टर्म-एंड परीक्षा आयोजित नहीं करेगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App