ड्रग पार्क के लिए हिमाचल को विशेष रियायत दे केंद्र

विशेष राज्य होने के नाते दावेदारी के साथ मांगी राहत, प्रदेश में एक जगह ज़मीन मिलना मुश्किल

शिमला – केंद्र सरकार के ऐलान के बाद हिमाचल प्रदेश ने मेगा बल्क फार्मा ड्रग पार्क हासिल करने के लिए अपनी दावेदारी पुख्ता कर दी है। हिमाचल सरकार इसे हासिल करने में जुट गई है, लेकिन सरकार यह भी चाहती है कि केंद्र सरकार इसमें कुछ रियायत विशेष राज्य होने के नाते हिमाचल को दे। क्योंकि पहाड़ी प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियां हैं और यहां हरित आवरण काफी ज्यादा होने के चलते जमीन एक जगह नहीं मिल सकती। ऐसे में प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा है और कहा है कि वह अपनी शर्तों में कुछ रियायत दे। हिमाचल प्रदेश क्योंकि एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है और कोरोना के काल में हाइड्रोक्लोरोक्वीन नामक दवा यहां बनाई जा रही है, जो पूरे विश्व को सप्लाई की जा रही है, तो ऐसे में हिमाचल को यह मेगा बल्क ड्रग फार्मा पार्क मिले, यह बेहद जरूरी है। हिमाचल प्रदेश इसके लिए बड़ा दावेदार है। सूत्रों के अनुसार हिमाचल ने केंद्र सरकार के सामने अपनी दावेदारी जता दी है और उन्हें लिखा है कि वह शर्तों में कुछ रियायत दे। वैसे बता दें कि प्रदेश के उद्योग विभाग ने 1600 एकड़ जमीन का इंतजाम कर दिया है। इसमें एक हजार एकड़ जमीन नालागढ़ के पास तो 600 एकड़ जमीन ऊना में देखी गई है। जमीन के कागजात राजस्व विभाग को दिए गए हैं, ताकि वह आगे की प्रक्रिया जैसे इस सरकारी जमीन को उद्योग विभाग के नाम करने की कवायद पूरी करे। बताया जाता है कि अगले महीने तक केंद्र सरकार मेगा पार्क के लिए अपनी गाइडलाइन जारी कर देगी और इस गाइडलाइन में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य को कुछ रियायत मिल जाए, यह मांग उठाई गई है।

देश को तीन पार्क देगा केंद्र

केंद्र सरकार देश को ऐसे तीन पार्क देने को तैयार है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों की थी। इसमें से एक हिमाचल को मिले, तो हिमाचल के लिए बड़ी बात है। यह पार्क एक हजार करोड़ रुपए की लागत का होगा, जिससे हिमाचल में फार्मा के क्षेत्र में बड़ा बूम आ सकता है। बहरहाल, राज्य सरकार ने अपनी तरफ से कोशिशें तेज कर दी हैं और जल्दी ही इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात भी करेंगे। हिमाचल को कुछ रियायतों के साथ मेगा पार्क मिलने से रोजगार का बड़ा द्वार भी खुलेगा।