एक और दवा को कोरोना इलाज में मंजूरी, बायोकॉन की मेडिसिन को भारतीय औषधि महानियंत्रक की हरी झंडी

By: Jul 12th, 2020 12:06 am

नई दिल्ली  – भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार में त्वचा रोग सोरायसिस की दवा ‘इटोलिजूमैब’ के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी कि कोरोना संक्रमितों पर किए गए क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों की समीक्षा के बाद संक्रमण के कारण हल्के बीमार और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार में इटोलिजूमैब के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। डीसीजीआई ने कोविड-19 के कारण गंभीर श्वसन संबंधी समस्या ‘एक्यूट रिस्पेरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस)’ से ग्रसित मरीजों में साइटोकिन रिलीज सिंड्रोम (सीआरएस) के उपचार में आपात स्थिति में प्रतिबधों के साथ इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। यह दवा मरीजों की सहमति के बाद भी उनके उपचार में इस्तेमाल की जा सकती है। इस दवा को बायोकॉन ने ‘अल्जुमैब’ ब्रांड के नाम से पूरे देश में 2013 में सोरायसिस के उपचार के लिए  बाजार में उतारा था। स्वदेश निर्मित इस दवा में बदलाव करके इसे कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल के लिए बनाया गया है। बायोकॉन ने कोरोना संक्रमितों पर किए दूसरे चरण के परीक्षण के परिणाम डीसीजीआई के समक्ष पेश किए थे। इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमितों में हाइपर इंफ्लेमेशन  की समस्या खत्म हो गई। इटोलिजूमैब पहली ऐसी बायोलॉजिक दवा है, जिसे दुनिया में कहीं भी कोविड-19 के मरीजों के इलाज में प्रयोग की मंजूरी मिली है। मुंबई और नई दिल्ली के कई अस्पतालों में नियंत्रित क्लीनिक परीक्षण के परिणामों के बाद इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी मिली है। बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने कहा कि इनोवेशन आधारित एक बायोफार्मा होने के नाते कोविड-19 के मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी पाने से हम गौरवान्वित हैं।


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