एमसीएम में राष्ट्रीय कार्यशाला

मेहर चंद महाजन कालेज में ऑनलाइन ‘साइंस इन एक्शन सीरीज’, 627 ने दिखाई प्रतिभा

चंडीगढ़ –पंजाब विश्वविद्यालय के बॉयोकेमिस्ट्री विभाग के सहयोग से मेहर चंद महाजन डीएवी कालेज फॉर वूमन के खाद्य विज्ञान विभाग के तत्वावधान में ‘साइंस इन एक्शन सीरीज’ पर तीन दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला का सोमवार से शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, आइजर, पुणे, एनसीसीएस तथा परसिस्टेंट सिस्टम के सहयोग से आयोजित की जा रही है।  कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य प्रतिभागियों  को मानव-एटलस से अवगत कराने के साथ साथ उन्हें वैज्ञानिक साहित्य को पढ़ने और उसकी व्याख्या करने के कौशल को समृद्ध करना है। डा. अनुपमा हर्षल, सलाहकार, साइंस कम्यूनिकेशन एंड पब्लिक एंगेजमेंट (मानव परियोजना) आइजर, पुणे इस कार्यशाला की प्रमुख वक्ता थी। इस कार्यशाला के लिए देशभर से 627 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया, जिसमें शिक्षक, शोधार्थी और छात्र शामिल हैं ।  इस अवसर पर प्रोफेसर अर्चना भटनागर, अध्यक्ष, जैव रसायन विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यशाला निश्चित ही प्रतिभागियों के ज्ञान क्षितिज को समृद्ध कर उनके वैज्ञानिक स्वभाव के विकास में योगदान देगा। डा. अनुपमा हर्षल ने अपने विस्तृत व्याख्यान में वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें वैज्ञानिक साहित्य, शोध पद्धति और मानव परियोजना पर विशेष व्याख्या शामिल थी। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की पहल मानव परियोजना के बारे में प्रतिभागियों को बताते हुए कहा कि इस परियोजना के तहत मानव से संबंधित सभी उपलब्ध वैज्ञानिक जानकारी को एक स्थान पर एकत्रित किया जा रहा है। प्रतिभागियों ने कार्यशाला में बहुत रुचि दिखाई और विशेषज्ञ के सामने अपने प्रश्न रखे। कालेज की प्रिंसिपल डा. निशा भार्गव ने वैज्ञानिक जागरूकता में योगदान देने के लिए इस अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा चरक संहिता और अथर्ववेद जैसे साहित्य पर हमारे व्यापक प्राचीन पाठ में वर्णित प्राचीन भारतीय ज्ञान को फिर से पढ़ने का यह एक सफल प्रयास है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि मानव परियोजना मनुष्यों से संबंधित वैज्ञानिक डेटा को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी।