फीस बढ़ाने के खिलाफ हल्ला बोलेगी एसएफआई, 10 को होगा डायरेक्टर एजुकेशन का घेराव

By: Jul 5th, 2020 5:51 pm

शिमला- छात्र अभिभावक मंच निजी स्कूलों की मनमानी व प्रदेश सरकार के केवल टयूशन फीस लेने के आदेश की अवहेलना के खिलाफ़ 10 जुलाई को निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगा। मंच ने प्रदेश सरकार,निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा को चेताया है कि वर्ष 2019 की तजऱ् पर केवल टयूशन फीस लेने के निर्णय को अगर अक्षरश: लागू न किया गया,टयूशन फीस तिमाही के बजाए हर महीने के आधार पर न वसूली गयी,सभी तरह के चार्जेज को माफ व स माहित न किया गया तथा टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ न किया गया तो आंदोलन तेज होगा।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में भी निजी स्कूल खुली मनमानी कर रहे हैं मगर राज्य सरकार,निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा खामोश हैं। निजी स्कूलों के 70 प्रतिशत अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर बार-बार भेजे गए मोबाइल संदेशों के दबाव में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में एनुअल चार्ज, एडमिशन फीस, क प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम चार्ज, स्पोट्र्स चार्ज, केयरज़ फंड, मिसलेनियस फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस कैबिनेट का निर्णय आने से पूर्व ही जमा कर चुके हैं। इस जमा फीस में टयूशन फीस भी वर्ष 2020 में आठ से बीस प्रतिशत तक बढ़ाई गयी। फीस के आधार पर ही वसूली गयी है। निजी स्कूल प्रबंधन इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में स माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापिस लौटा रहे हैं। इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों के रूप में स माहित करने अथवा वापिस लौटाने के लिए सरकार ने कोई भी उचित मैकेनिज़्म तैयार नहीं किया है। छात्र अभिभावक मंच द्वारा जिन सात निजी स्कूलों की लिखित शिकायत की गई थी,सरकार व शिक्षा विभाग ने उन पर भी सांकेतिक कार्रवाई करके अपना पल्ला झाडऩे की कोशिश की है जोकि निंदनीय है।


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