हमीरपुर इग्नोर नहीं, वहां से केंद्रीय मंत्री

मुख्यमंत्री बोले- जरूरी नहीं, जहां से मंत्री हो, वहीं विकास होता है

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा कि मंत्रिमंडल में हमीरपुर को इग्नोर नहीं किया गया है, बल्कि वहां से केंद्रीय मंत्री हैं। अनुराग ठाकुर वित्त राज्यमंत्री के रूप में न केवल हमीरपुर, बल्कि प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। गुरुवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में एक सवाल पर सीएम ने कहा कि उन्होंने संतुलन बनाने की कोशिश की है और हर जगह पर समान विकास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सभी मंत्री मेरी पसंद के हैं तथा अब सभी मिलकर काम करेंगे। वर्ष 2022 में प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री ने पीटरहॉफ में तीन नए मंत्रियों सुखराम चौधरी, राकेश पठानिया व राजेंद्र गर्ग का भी परिचय करवाया। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह हटकर करवाना पड़ा। कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए राजभवन में मीडिया सहित अन्य लोगों को भी नहीं बुलाया जा सका, लेकिन वेब कास्ट के माध्यम से शपथ ग्रहण समारोह का सीधा प्रसारण किया गया।

मंडी व हमीरपुर से एक भी मंत्री नहीं बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंडी जिला से मैं खुद हूं तथा इससे बड़ा अधिमान दूसरा नहीं हो सकता है। हमीरपुर व अन्य सभी जिलों में विकास सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री बनाने की लिमिटेशन के कारण सभी जिलों से मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक केंद्र से सहयोग की कमी नहीं आई है। सभी की इच्छा रहती है कि केंद्र से अधिक से अधिक सहायता मिले।

सितंबर में विधानसभा सत्र पर विचार : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब कोरोना के दो मामले थे, तो उस समय विधानसभा के चल रहे सत्र को समाप्त कर दिया गया था। अब प्रदेश में कोरोना के 1050 एक्टव मामले हैं। पूरे देश व प्रदेश में वर्तमान में कोरोना का प्रकोप है। विधानसभा का सत्र 23 मार्च को समाप्त हुआ था। व्यवस्था के अनुसार दो सत्र के बीच छह माह से अधिक का समय नहीं होना चाहिए, जो सितंबर में पूरे होते हैं। कोई भी प्रदेश अभी विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहा है। लोकसभा का सत्र भी सितंबर में होगा। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की बैठक अगस्त माह में नहीं होगी। यदि कोरोना के मामले कम हुए तो सितंबर माह में विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार किया जाएगा।