हिडिंबा देवी मंदिर

By: Jul 4th, 2020 12:23 am

यूं तो समस्त हिमाचल प्रदेश का सौंदर्य देखते ही बनता है। यहां की सुरम्य चांदी सरीखी पहाडि़यां सैलानियों को जहां आत्मविभोर कर देती हैं, वहीं यहां के झील, झरने कलकल का नाद करते नदी-नालों के अनूठे दृश्य सैलानियों को विमोहित करते हैं। हिमाचल प्रदेश पर्यटन, धर्म और संस्कृति का एक अद्भुत संगम है। यहां के कण-कण में रमे हंै देवी-देवता। इस राज्य में अनेको ऐतिहासिक व पुरातन मंदिर हंै। यहां की पौराणिक गौरवमय सभ्यता एवं संस्कृति का अपना ही महत्त्व है। हिमाचल प्रदेश का कुल्लू अपने प्राकृतिक सौंदर्य  के लिए विश्व विख्यात है। कुल्लू जिला को प्रकृति ने असीम सौंदर्य का वरदान दिया है। यहां पर अनेक मनोरम पर्यटन स्थल हैं, जहां प्रतिवर्ष देश-विदेश से आए पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। कुल्लू जिला की खूबसूरती, मनाली घाटी की हरी-भरी वादियां और धौलाधार आंचल के प्राकृतिक मनोहारी शृंगार प्रकृति प्रेमियों का इंतजार करते हैं।

मनाली जनपद से कुछ ही फलांग पर स्थित हिडिंबा मंदिर की सुंदरता को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे देवी के साक्षात दर्शन कर रहे हों। यह धार्मिक स्थल मन को श्रद्धाभाव से विभोर कर देता है। चारों ओर कैल, तोस, देवदार और चील के पेड़ हर किसी का जहां मन मोह लेते हैं, वहीं स्वास्थ्य व जलवायु प्रदान करते हैं। मंद-मंद बहती समीर के ठंडे झोंके और पेड़ों पर चहचहाते पक्षियों के कलरव ऐसा खूबसूरत मंजर पेश करते हैं कि सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं। महाभारत महाकाव्य के अनुसार जब पांडव वनवास पर थे, तो महाबली पांडवों के भाई भीम का सामना क्रूर राक्षस हिडिंब से हो गया और दोनों में जमकर युद्ध हुआ। आखिर में हिडिंब दानव का महायोद्धा भीम ने वध कर दिया। उसके उपरांत भीम ने हिडिंब की बहन से विवाह किया , जिसे बाद में हिडिंबा देवी के रूप में पूजा जाने लगा। मनाली के ठीक पीछे ठुंगरी देवी वन क्षेत्र में पैगोड़ा शैली में निर्मित हिडिंबा देवी का यह भव्य मंदिर श्रद्धालुओं और सैलानियों को अपनी ओेर बरबस आकर्षित करता है। वैसे ऐतिहासिक गाथा के अनुसार बिलासपुर स्थित बाड़ीदार, अर्की क्षेत्र  हिडिंबा के कब्जे में था। महाभारत काल में जब पांडव अपने अज्ञातवास का तेरहवां वर्ष गुजार रहे थे, तो हिडिंबा व भीम का प्रणय तथा विवाह को इस स्थल से जोड़ा जाता है, जिसका प्रमाण यहां शिखर शैली का बाड़ादेव मंदिर, जो पांडवों द्वारा निर्मित है, तत्कालीन अतीत का अनावरण करता है। भीम की पत्नी व घटोत्कच की मां हिडिंबा का भव्य मंंदिर मनाली के मुख्य बस स्टैंड से मात्र एक किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर देवदार के गगनचुंबी पेड़ों के बीच स्थित है। इस मंदिर की कला नक्काशी देखने लायक है। 1553 में महाराजा बहादुर सिंह द्वारा निर्मित यह मंदिर पूर्णतया लकड़ी का बना हुआ है। मंदिर की दीवार पर लगे जानवरों के सींग सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मंदिर के अंदर देवी हिडिंबा की मूर्ति  को देखकर सभी को आनंद की अनुभूति होती है। यहां श्रद्धालुओं की मनचाही मुरादें पूर्ण होती हैं। इस धार्मिक स्थल की सुंदरता को निहारना श्रद्धालुओं के लिए एक जीवंतता प्रदान करता है और यह लोगों की अटूट श्रद्धा व विश्वास का केंद्र है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App