हिमाचल टूरिज्म की जरूरतें पूरी करने के लिए नई स्कीम

By: Jul 8th, 2020 12:01 am

शिमला – निदेशक पर्यटन और नागरिक उड्डयन यूनुस ने बताया कि राज्य में कोविड महामारी के दौरान पर्यटन क्षेत्र को सुदृढ़ करने और राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने आतिथ्य क्षेत्र में कार्यशील पूंजी ऋणों पर ब्याज अनुदान योजना आरंभ की है। राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र की तत्काल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए योजना अधिसूचित की है। अधिकतम 11 प्रतिशत प्रतिवर्ष के मासिक चक्रवृद्धि ब्याज पर ब्याज दरें निश्चित की गई हैं। पंजीकृत पर्यटन इकाइयां इस योजना के लाभ 31 मार्च, 2021 तक योजना अधिसूचित होने की तिथि से उठा सकती हैं। ऋण का भुगतान चार वर्षों के अंदर करना होगा, जिसमें ब्याज अनुदान के प्रथम दो वर्ष और ऋण स्थगन का एक वर्ष भी शामिल है। ऋण अदायगी के प्रथम दो वर्षों में ऋण की 50 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष के अंत में प्रतिपूर्ति की जाएगी, जबकि अंतिम दो वर्षों का ब्याज ऋण प्राप्त करने वाली इकाई को स्वयं चुकाना पड़ेगा। पर्यटन निदेशक यूनुस ने बताया कि इच्छुक पर्यटन इकाई ऑपरेटर कार्यशील पूंजी ऋण लेने के लिए जिला पर्यटन विकास अधिकारी और संबंधित उपनिदेशक/ डीटीडीओ/ एटीडीओ को आवेदन कर सकते हैं, जो ऋण लेने के लिए मामले को बैंक को प्रायोजित करेंगे। इस योजना के अंतर्गत ऋण सुविधा तीन सहकारी बैंकों, जिसमें हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक और व्यवसायिक बैंकों से प्राप्त की जा सकती है।

कौन होगा पात्र

पात्रता की शर्त व परिमाण इकाई के जीएसीडी भुगतान पर आधारित होगा। हालांकि छोटी पंजीकृत इकाइयां जो जीएसटी के अंतर्गत नहीं आती, 15 लाख तक की अधिकतम ऋण सीमा तथा 1.5 लाख रुपए प्रति कमरे के हिसाब से ऋण लेने के लिए पात्र होंगी। यदि पंजीकृत पर्यटन इकाइयों ने औसतन प्रति वर्ष एक करोड़ रुपए तक का जीएसटी भुगतान किया होगा, ऐसी इकाइयां 50 लाख के कार्यशील पूंजी ऋण के लिए पात्र होंगी तथा जिन इकाइयों ने एक से तीन करोड़ का भुगतान किया होगा, ऐसी इकाइयां 75 लाख तथा जिसने तीन करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी का भुगतान किया होगा, ऐसी इकाइयां एक करोड़ रुपए ऋण लेने के लिए पात्र होंगी।


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