हिमाचल में पहली से आठवीं तक के छात्र कितने पानी में, जल्द चलेगा पता, शिक्षा विभाग ने शुरू किया आकलन

By: Jul 2nd, 2020 5:46 pm

शिमला – हिमाचल में पहली से आठवीं तक के छात्रों की समझने की क्षमता काफी कम है। 2019 – 2020 में तो पहली से आठवीं तक के छात्रों के रिजल्ट को डेशबोर्ड पर शिक्षा विभाग नहीं उतार पाया, लेकिन अब समग्र शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से छात्रों के लर्निंग आउट कम्स को पहचानने के लिए पिछले साल के रिजल्ट का आकलन शुरू कर दिया। जल्द इस आकंलन की प्रेजेनटैंशन सरकार के समक्ष दी जाएंगी। फिलहाल 2018 – 2019 की रिपोर्ट को देखे, तो एक से आठवीं तक के 73 प्रतिशत छात्र अभी भी पढ़ाई में कमजोर है। यह वह छात्र है जिनमें समझने की क्षमता बहुत कम है। समग्र शिक्षा विभाग की रिपोर्ट को देखे तो प्राइमरी में 80 प्रतिशत छात्रों ने ए, बी, सी ग्रेड फाइनल एग्जाम में ली है। वहीं अगर बात करें तो अपर प्राइमरी की कक्षा में पढऩे वाले यानी की छठी से आठवीं तक के छात्रों का रिजल्ट 53 प्रतिशत रहा। कुल मिलकार अपर प्राइमरी में 47 प्रतिशत छात्र पढ़ाई में कमजोर है। इसी तरह 2018 – 2019 की अगर यह रिपोर्ट देखी जाए तो एक साल में छात्रों पढ़ाई में सुधार होने प्रतिशतता मात्र दो प्रतिशत तक ही ठीक हो पाती है। 2018 – 2019 में प्राइमरी में छात्रों की पढ़ाई में दो प्रतिशत सुधार हुआ था, वहीं इसी तरह छ: प्रतिशत सुधार अपर प्राइमरी में हुआ था। समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो इस साल भी इसी तरह अगर प्राइमरी व अपर प्राइमरी छात्रों के बच्चों के रिजल्ट में सुधार होता है, तो वह भी पांच प्रतिशत से ज्यादा नहीं हुआ होगा। ऐसे में विभाग के अधिकारियों को चिंता है कि लॉकडाउन की वजह से छात्रों की समझने की क्षमता का यह ग्राफ इसी तरह गिरता जाएंगा।  गौर हो कि लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के स्कूलों में फरवरी से स्कूल बंद है। इस वजह से छात्रों की पढ़ाई भी सही ढंग से नहीं हो पाई है। कोरोना की नजर अब छोटे बच्चों की शिक्षा पर धीरे – धीरे असर डालने लगी है। खासतौर पर सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पांचवी कक्षा तक के छात्र जिनके समझने की क्षमता ज्यादा नहीं होती। वहीं इन छात्रों को एक शिक्षक की हमेशा जरूरत पड़ती है।


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