इस बार नतीजों में बड़ा सुधार

By: Jul 4th, 2020 12:01 am

प्री-बोर्ड संग लोकल इंप्रूवमेंट प्लान से बेहतर हुआ रिजल्ट

धर्मशाला – हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कोरोना काल में पूरी प्रक्रिया के तहत परीक्षा परिणाम घोषित करने वाला पहला बोर्ड बन गया है। वहीं इस बार शिक्षा बोर्ड के नतीजों पर पिछले वर्षों के मुकाबले बड़ा सुधार देखने को मिला है। प्रदेश में शिक्षा परिणाम के स्तर सुधरने को लेकर समीक्षा की गई है, तो इसमें एक बहुत बड़ी बात सामने निकलकर आई है। इसमें शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट को सुधारने में प्री-बोर्ड एग्जाम, लोक इंप्रूवमेंट प्लान, स्पेशल कक्षाओं, क्रॉस डिपार्टमेंट टॉस्क, समग्र शिक्षा अभियान और शिक्षा विभाग ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले वर्षोें के मुकाबले दसवीं का रिजल्ट 60.79 के मुकाबले इस बार 7.32 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 68.11 रहा है। जमा दो के पूर्व के वर्ष में 62.01 के मुकाबले इस बार 14.06 की बढ़ोतरी के साथ 76.07 प्रतिशत रहा है। इस बार जमा दो का परीक्षा परिणाम 76.07 फीसदी रहा। अगर पिछले तीन वर्षों की परीक्षाओं के परिणाम की बात करें, तो 2016-17 में 72.89 प्रतिशत, शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 70.18 प्रतिशत और 2018-19 में 62.01 प्रतिशत परिणाम रहा है। दसवीं के परिणाम को देखा जाए, तो 2015-16 में 66.88 प्रतिशत, 2016-17 में 67.57, 2017-18 में 63.39 और 2018-19 में 60.79 प्रतिशत रहा है। वहीं परीक्षा परिणाम में सुधार के कई महत्त्वपूर्ण कारक समीक्षा में निकलकर सामने आए हैं। इसमें प्री-बोर्ड से लेकर जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं थे, वहां टीचर भेजकर अध्ययन करवाना, कांगड़ा-चंबा में दोबारा प्री-बोर्ड परीक्षाएं करवाना, किन्नौर जिला में सर्दियों के दिनों में छात्रों को हिटिंग व्यवस्था देकर उचित वातावरण शिक्षा के लिए प्रदान करना, मॉनिटरिंग पॉलिसी बनाई गई थी, जो कि स्कूल, अध्यापकों व छात्रों में समन्वय बिठाने में कारगर सिद्ध हुई।


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