जवाहर नवोदय स्कूल में 24 घंटे ड्यूटी दे रहा पूरा स्टाफ

By: Jul 14th, 2020 12:01 am

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचा लॉकडाउन में भी हाजिर होने का मामला, दिल्ली में तीन कर्मचारियों की मौत के बाद टूटा सब्र का बांध

सोलन  – देश के करीब 600 जवाहर नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों को लॉकडाउन में भी स्कूलों में हाजिर रहने के निर्देशों का मामला महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया है। गृह मंत्रालय के स्पष्ट आदेशों के बाद भी जवाहर नवोदय विद्यालय समिति नई दिल्ली लाखों कर्मचारियों पर दबाव बनाकर स्कूलों में उपस्थित करवाकर उनसे कार्य करवा रही है। आलम यह है कि जफरपुर, दिल्ली के एक जेएनवी स्कूल में तीन कर्मचारियों की हुई मृत्यु व कई अन्य स्कूलों में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद देश के लाखों कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट रहा है।  हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है तथा यहां संचालित सभी 12 जेएनवी में शिक्षक व अन्य सभी कर्मचारी स्कूलों में 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं। विडंबना यह है कि सभी केंद्रीय विद्यालय संगठन के बैनर पर सरकारी स्कूलों में 31 जुलाई तक स्टाफ को घर से कार्य करने के निर्देश गृह मंत्रालय ने दिए हैं, परंतु जवाहर नवोदय विद्यालयों को चलाने वाली केंद्रीय समिति के समक्ष कोई भी अधिसूचना मायने नहीं रखती। यदि कोई कर्मचारी कोविड संक्रमण का हवाला देकर विद्यालय में उपस्थित नहीं हो रहा है, तो उसको गैर हाजिर मानकर वेतन में कटौती करने की चेतावनी भी दिए जाने की सूचना है। गौर हो कि छह जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय की सचिव अनिता करवाल ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र प्रेषित करके निर्देश दिए थे कि अनलॉक-2 के चलते 31 जुलाई, 2020 तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखा जाए और उन संस्थानों में कार्यरत सभी स्टाफ घर से कार्य करें और संस्थानों में व्यक्तिगत रूप से न बुलाया जाए। इन आदेशों की अनुपालना केंद्रीय विद्यालय संगठन ने तुरंत प्रभावी रूप से कर दी तथा इस आषय के पत्र संयुक्त आयुक्त पिया ठाकुर ने केवीएस के सभी उपायुक्तों को जारी कर दिए। नवोदय विद्यालय समिति ने देश के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को तो अवकाश देकर अपने-अपने घर भेज दिया, परंतु कर्मचारियों को स्कूलों में हाजिर होने का फरमान जारी रखा। यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान हर साल होने वाली मई-जून माह के नियमित अवकाश को भी कोविड ब्रेक में परिवर्तित करके एक और झटका दे दिया। अब यह सारा मामला महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है।

आज तक नहीं हुआ इतना उत्पीड़न

जेएनवी कर्मचारी कल्याण संगठन (नवेवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र भारद्वाज ने कहा कि कर्मचारियों का इतना उत्पीड़न आज तक नहीं हुआ। स्कूलों में कर्मचारियों के हाजिर होने के कारण आदेशों के चलते तीन कर्मचारी अपनी जान गवां चुके हैं तथा कई संक्रमण का शिकार है। योगेंद्र भारद्वाज ने कहा कि समिति तथा केंद्रीय सरकार को छह बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं तथा अब महामहिम राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को भी लिखा गया है। जेएनवी संभाग की उपायुक्त कैप्टन टीना धीर ने कहा कि उन्हें जो भी निर्देश हैडक्वार्टर से मिले हैं, उन्हीं का पालन किया जा रहा है।


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