कला अध्यापक संघ ने मांगी नौकरी

प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री से उठाई स्कूलों में खाली पद भरने की मांग

बड़सर-कला अध्यापक संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री से नौकरी देने की गुहार लगाई है।  बेरोजगार कला अध्यापक संघ के प्रधान जीवन कुमार, राकेश कुमार, प्रवीण कुमार, विपन कुमार, राज कुमार व बलवंत सिंह ने जारी प्रैस बयान में रोष जाहिर करते हुए कहा कि पहली से पांचवी कक्षा तक सिर्फ  एक अध्यापक नियुक्त किया गया है। अब शिक्षा मंत्री बताएं कि एक अध्यापक एक साथ पांच कक्षा को कैसे पढ़ा सकता है। मिडल व हाई स्कूलों में भी आपकी सरकार सभी विषयों के अध्यापक नहीं रख पाते, खासतौर से कला और शारीरिक अध्यापक ऊपर से 100 बच्चे की शर्त रख देते हों। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री कहते हैं कि संविधान में यह व्यवस्था है कि छह से 14 साल तक के बच्चों को जरूरी, शिक्षा वह कानून द्वारा होगी, लेकिन आप हमें यह बताएं कि यह कानून सिर्फ  दो विषय कला और शारीरिक शिक्षा में ही लागू होता है, लेकिन और विषयों में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का यह हाल देखकर हमें अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में अच्छी शिक्षा के लिए मजबूरन भेजना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में सी एंड वी कैटेगिरी में चार पद होते हैं। जिसमें भाषा, शास्त्री, कला और शारीरिक अध्यापक, लेकिन 100 छात्रों का शर्त कला और शारीरिक अध्यापकों पर ही क्यों लागू होती है। बाकी विषयों पर लागू क्यों नहीं होती। उन्होंने कहा कि इस समय सरकारी स्कूलों में कला अध्यापकों के पद खाली चल रहे हैं, उन्हें भरने की पहल तो कर दीजिए। बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने शिक्षा मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसा कानून बनाने की कोशिश कीजिए, ताकि एक स्कूल में 100 से कम पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खराब होने से बच सके। ऐसे में बेरोजगारी की मार झेल रहे कला अध्यापकों को रिक्त पदों पर तैनाती दी जाए।