केंद्र से मांगी 540 करोड़ की ऊर्जा

सीएम ने ऊर्जा राज्य मंत्री के सामने उठाया मामला, प्रदेश को 350 करोड़ का अनुदान दें

शिमला – प्रदेश ने केंद्र सरकार से ऊर्जा क्षेत्र के लिए करोड़ों रुपए की मांग उठाई है। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार 540 करोड़ रुपए का ऋण प्रदान करे, वहीं 350 करोड़ रुपए का अनुदान हिमाचल को दे, ताकि इस क्षेत्र को बढ़ाया जा सके। शुक्रवार को ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह से यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को 540 करोड़ रुपए के ऋण पीएफसी/आरईसी के माध्यम से प्रदान किए जाएं, ताकि मार्च और अप्रैल की देनदारियां पूरी की जा सकें। मुख्यमंत्री ने इसके अतिरिक्त उनसे 350 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में दिए जाने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आरईसी/पीएफसी के माध्यम से होने वाले ऋणों पर ब्याज दरों को भी कम करने का आग्रह किया। डिस्कॉम की नकदी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए 90 हजार करोड़ रुपए की नकदी डालने का निर्णय लेने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनकोष व ट्रांसकोज के 31 मार्च, 2020 तक के देय भुगतान पर ही डिस्कॉम्स वित्तीय सहायता के लिए पात्र होगा। राज्य बिजली बोर्ड और डिस्कॉम ने मार्च, 2020 तक अपनी देनदारियों का भुगतान कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब मार्च और अप्रैल 2020 तक 540 करोड़ रुपए की देनदारियां लंबित हैं। केंद्रीय राज्य ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दूरदराज क्षेत्रों में ऊर्जा निकासी प्रणाली तैयार करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

बिजली की मांग में 45 प्रतिशत की कमी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन से प्रभावित औद्योगिक इकाइयों, आर्थिक प्रतिष्ठानों, होटलों और रेस्तरां को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने छूट और डिमांड चार्जेस टालने के माध्यम से 47 करोड़ रुपए की राहत दी है। राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बिजली के बिल जमा करने की तिथि कई बार बढ़ाई है। लॉकडाउन के कारण बिजली की मांग में 40-45 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को लगभग 319 करोड़ का नुकसान हुआ है।

1.52 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाएंगे

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार निकट भविष्य में शिमला और धर्मशाला में 1.52 लाख स्मार्ट बिजली मीटर स्थापित करेगी। यद्यपि केंद्र सरकार ने विशेष श्रेणी के राज्य हिमाचल प्रदेश को निश्चित अनुदान प्रदान करने का भी प्रावधान किया है, परंतु इसे वास्तविक लागत के माध्यम से निश्चित किया जाना चाहिए, ताकि 22 लाख उपभोक्ताओं, जिसमें 20 लाख घरेलु उपभोक्ता पर कम से कम भार पड़े। ऊर्जा निकासी के लिए प्रभावशाली व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में केंद्रीय ऊर्जा सचिव को पहले ही एक पत्र लिखा गया है।