कूड़े के ढेर कर रहे स्वागत
यशवंतनगर में होटल-ढाबों से निकलने वाली गंदगी यात्रियों के चिढ़ा रही मुंह
यशवंतनगर-गिरिपार क्षेत्र के प्रवेश द्वार यशवंतनगर में सफाई व्यवस्था न होने के कारण शहर में लगे कूड़े के ढेर आगंतुकों का स्वागत करते हैं। यही नहीं यहां पर होटल-ढाबों से निकलने वाली जूठन व गंदे पानी की नालियों से निकलने वाली बदबू लोगों विशेषकर यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। सफाई के नाम पर स्थानीय पंचायत करगानू द्वारा कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए हैं, जबकि व्यापारिक दृष्टि से यह गांव शहर का रूप धारण कर चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यशवंतनगर गांव अब शहर में तबदील हो चुका है और इसे साडा के तहत लाया जाना चाहिए, ताकि इस शहर का सुनियोजित विकास हो सके। गौर रहे कि अतीत से यह कस्बा गिरिपुल के नाम से प्रसिद्ध है और इसका नामकरण हिमाचल निर्माता स्व. डा. वाईएस परमार के नाम पर किया गया है। तीन जिलों का केंद्र बिंदु होने से इस कस्बा से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है और विशेषकर बसें व अन्य वाहन यहां भोजन करने के लिए रुकते हैं। यही नहीं यशवंतनगर में लगी डा. वाईएस परमार के बुत के आसपास भी गंदगी का आलम रहता है। रेन शैल्टर न होने पर लोगों को इस मूर्ति के बाहर बसों इत्यादि का इंतजार करना पड़ता है। यात्रियों की सुविधा के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्षा शालिका निर्मित की गई थी जो कि जीर्ण-शीर्ण होकर ध्वस्त हो गई है और अब यात्रियों को वर्षा व गर्मी के मौसम में बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय ग्राम पंचायत करगानू की प्रधान अनिता शर्मा ने कहा कि होटल-ढाबा मालिकों का दायित्व बन जाता है कि वे नालियों को साफ रखें और गंदगी न फैलाएं जिसके लिए उनको कई बार हिदायत भी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस कस्बा को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी, ताकि यह कस्बा प्रदेश में स्वच्छता का मॉडल बन सके।
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