मजदूर विरोधी संशोधन वापस ले सरकार

हमीरपुर में सीटू ने प्रदर्शन कर निकाला गुबार, पीएम को भेजा आठ सूत्री मांग पत्र

हमीरपुर-केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर सीटू जिला कमेटी ने हमीरपुर में 425 स्थानों पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। इसमें 4200 से ज्यादा लोगों ने भागीदारी निभाई व सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर ठाकुर की अगवाई में जिलाधीश के माध्यम से आठ सूत्री मांग पत्र प्रधानमंत्री को भेजा। उल्लेखनीय है कोरोना महामारी के चलते देश का मजदूर वर्ग भारी मुश्किल में है। इसी दौरान 14 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई है कारखानों में बड़े पैमाने पर छंटनी की जा रही है, भूख से तड़प-तड़प कर 900 से ज्यादा मजदूरों की जान चली गई है। ऐसे समय में मोदी सरकार कारपोरेट कंपनियों के साथ मिलकर श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव कर रही है। इन हमलों में श्रम कानूनों में आठ घंटों की बजाय 12 घंटे काम लेना, मनरेगा मजदूरों को काम न देना, जब चाहे तब छंटनी कर देना व ईपीएफ सुविधा छीनना शामिल है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच व सीटू मांग करता है कि श्रम कानूनों में किए गए अथवा प्रस्तावित मजदूर विरोधी संशोधनों को तुरंत वापस लिया जाए। काम के घंटे आठ से 12 करने का आदेश वापस लो। कांट्रैक्ट लेबर एक्ट में श्रम कानूनों को लागू करने की शर्त 20 मजदूरों से 30 मजदूर करने की शर्त को वापस लिया जाए। श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने के प्रावधानों को कमजोर किया गया है 14 तरह के श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन किए गए हैं। मजदूरों के आवाज उठाने हड़ताल करने के अधिकारों में कटौती की गई है। डीजल पेट्रोल की कीमतों में कई गई वृद्धि वापस लो। प्रत्येक व्यक्ति को छह माह तक 10 माह राशन हर महीने फ्री दो।