मंडी में लहलहाया केरल का केला

By: Jul 5th, 2020 12:02 am

योगराज ने पथरीली जमीन पर उगाई बेहतरीन फसल

 गागल –बल्ह उपमंडल में टिक्कर गांव के बाड़ी की पथरीली जमीन पर केरल के जी-9 किस्म के केले का लहलहाता लगभग एक हजार पौधों का बगीचा आजकल स्थानीय और दूर दराज के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। हिमाचल के ठंडे शुष्क मौसम में केरल की आर्द्रता युक्त जलवायु में पलने बढ़ने वाले उन्नत किस्म के केले की जी-9 प्रजाति का व्यवसायिक उत्पादन दूर की कौड़ी ही प्रतीत होती थी, लेकिन योगराज के पॉलि नेट हाउस में फलती-फूलती केलों की फसल मंडी में ही केरल का एहसास दिलाती प्रतीत होती है। योग राज ने पहाड़ी पथरीली जमीन को कृषि योग्य बनाकर उसमें केले, पपीते, अमरूद और सब्जियां उगाकर सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। योगराज का कहना है कि इसमें रसायनिक खादों का इस्तेमाल न करके जैविक खाद का प्रयोग किया है, जिसके अच्छे परिणाम आए और सब्जियों और पपीते की अच्छी फसलें तैयार हुईं। उन्होंने एक वर्मी कंपोस्ट यूनिट भी तैयार कर लिया तथा देसी नस्ल की गउओं के गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद तैयार कर फसलों में इस्तेमाल किया, जिसके बढि़या परिणाम आने लगे। योगराज ने बताया कि उन्होंने गत चार-पांच वर्षों में ही पपीतों की फसल बेच कर लाखों कम लिए हैं। इस कामयाबी के चलते ही उन्हें इस क्षेत्र में कुछ नया करने की प्रेरणा मिली, तो उन्होंने ताइवान किस्म के पपीते के पौधों के साथ केरल की सर्वोत्तम केले की किस्म जी-9 के लगभग एक हजार पौधे मंगवाकर जून 2019 में रोपे हैं, जो अब फल देने को तैयार हो गए हैं।


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