नए नियमों से प्रभावित होगा कारोबार

By: Jul 4th, 2020 12:20 am

उद्यमों को वर्गीकृत करने के मानदंडों से लघु उद्योग भारती खफा

बीबीएन-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र में उद्यमों को वर्गीकृत करने के लिए कुछ मानदंडों को अधिसूचित करते हुए अधिसूचना जारी की है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उद्यम पंजीकरण की भी शुरुआत की गई है। भारत सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना पर प्रदेश लघु उद्योग भारती ने निराशा व्यक्त की है। लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष राजीव कंसल, महामंत्री विकास सेठ  और फार्मा विंग के चेयरमैन चिरंजीव ठाकुर ने कहा कि देश हित के कई मुद्दे इस अधिसूचना में सम्मिलित नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का पंजीकरण केवल भारतीय स्वामित्व वाली उद्यम के लिए मर्यादित हो। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम में वर्गीकृत निर्माण इकाईयां एवं निर्माण सेवा प्रदाता इकाइयों को व्यापार एवं अन्य सेवा गतिविधियों से पूर्णता अलग रखा जाए। श्री कंसल ने बताया कि नई परिभाषा में प्लांट और मशीनरी में निवेश की राशि की गणना से एमएसएमई एक्ट की धारा-7 (1) के स्पष्टिकरण में निर्दिष्ट है और अधिसूचना में आश्चर्यजनक रूप से टर्नओवर के लिए जो मानदंड स्थापित किए गए हैं, उनमें से निर्यात के टर्नओवर को बाहर कर दिया गया है, जबकि उसे कुल टर्नओवर में समाहित करना चाहिए। लघु उद्योग भारती के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की समस्याओं के लिए निदान के लिए एक ऐसे विभाग के गठन की आवश्यकता है, जो सिर्फ सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों पर ही अपना ध्यान क्रेंदित करें। राजीव कंसल ने कहा कि नई परिभाषा में निवेश का दायरा बढ़ने से बड़े एवं मध्यम उद्योगों को लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के रूप में प्रदर्शित करना लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के हितों पर कुठाराघात होगा। उन्होंने कहा कि यह कदम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते देश एवं सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के कदमों को रोकगा।

 


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