पार्वती में धड़ल्ले से हो रहा खनन

खनन माफिया के हौसले बुलंद; नदी का पानी बढ़ते ही बढ़ा खनन, एनजीटी-प्रशासन के निर्देशों को ठेंगा

कुल्लू-मानसून की दस्तक के साथ ही खनन माफिया भी सक्रिय हो गया  है। ब्यास और पार्वती नदी का सीने छलनी करने में खनन माफिया बेलगाम हो गया है। सुबह-सवेरे, दिन-दोपहर के समय पार्वती नदी में भुंतर स्थित जिया के पास अवैध खनन का क्रम जारी है। पार्वती नदी का सीना छलनी किया जा रहा है। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक रात के समय तो खनन माफियों को किसी का डर नहीं होता है। सुबह-सवेरे भी अवैध खनन को जोर दिया जाता है। लगातार रेत से भर-भरकर ट्रैक्टर निकाले जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार हालांकि एक-दो दिन पहले खनन विभाग ने जिया प्वाइंट पर सुबह-सवेरे ही दबिश देकर दो ट्रैक्टर को पकड़ा था। इसका खनन माफिया को कोई फर्क नहीं पड़ा और विभाग की कार्रवाई के दूसरे दिन बाद फिर अवैध खनन करने पर उतर आए हैं। लिहाजा, जिला कुल्लू में अवैध खनन थमता नहीं जा रहा है।  बीते वर्षों जिला कुल्लू में आई बाढ़ से पार्वती नदी का दायरा काफी फैल गया है। खनन से और बढ़ रहा है। यह आने वाले दिनों में क्षेत्र के घरों के लिए भी खतरा हो सकता है। पाबंदी के बावजूद खनन माफिया पीछे हटता हुआ नजर नहीं आ रहा है। हर वर्ष बरसात के साथ नदी में आ रही रेत को निकालने के लिए ब्यास और पार्वती नदी में खनन व रेत माफिया ने बड़े स्तर पर अभियान चला को खोदना आरंभ कर देते हैं। वहीं, जिया के पास पार्वती नदी में अवैध खनन का कार्य चला हुआ है। खनन माफिया एनजीटी के आदेशों के साथ-साथ प्रशासन के फरमानों को दर किनार कर रहे हैं। जिया में लगातार अवैध तौर पर रेत और पत्थर निकालने से नदी के किनारे सटे घरों को बुद्धिजीवी खतरा बता रहे हैं। जानकारी के अनुसार जिया में अवैध खनन के लिए एक समय में पार्वती नदी में तीन से चार ट्रैक्टरों को उतारा जाता है। यही नहीं, जिया के आसपास के क्षेत्रों में भी खनन को जोर दिया जा रहा है।  उधर, जिला कुल्लू खनन विभाग अधिकारी सुरेश कुमार  ने बताया कि विभाग की टीम ने दो दिन पहले ही सुबह-सवेरे जिया स्पाट का निरीक्षण किया था। उस दौरान दो ट्रैक्टर स्पाट पर पाए गए और विभाग ने तुरंत कार्रवाई की है। यदि इसके बाद जिया प्वाइंट के साथ-साथ अन्य किसी भी क्षेत्र में अवैध खनन के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है तो विभाग कार्रवाई करेगा। अवैध खनन करने वाले लोगों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।