प्राइमरी स्कूलों में बढ़ेंगी बच्चें की संख्या

घुमारवीं प्रदेश भर में चल रहे सरकारी प्राइमरी स्कूलों में लगातार घट रही बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय एक नई योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे प्राइमरी स्कूलों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जहां जिन स्कूलों में 10 या उससे कम तथा 50 या उससे अधिक बच्चे हैं। ताकि, कम बच्चों के स्कूलों को भविष्य में दूसरों स्कूलों के साथ मर्ज किया जा सके तथा अधिक बच्चों वाले स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं दी जा सकें। इसका प्रारूप तैयार करके जल्द ही शिक्षा विभाग द्वारा सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद प्रदेश सरकार इस विषय पर अंतिम निर्णय लेगी। इस योजना को लेकर हाल ही में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक द्वारा प्रदेश भर के शिक्षा उपनिदेशकों (प्रारंभिक) के साथ वीसी के माध्यम से चर्चा की गई है। शिक्षा उपनिदेशकों से कम और अधिक बच्चों वाले प्राइमरी स्कूलों का ब्यौरा मांगा गया है। इसमें प्रदेश भर के शिक्षा उपनिदेशक अपने जिला के उन प्राइमरी स्कूलों की सूची बनाकर निदेशालय को भेजेंगे जिन स्कूलों में 10 या उससे कम बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों को भविष्य में कैसे चलाना है, इसके बारे में निर्णय लिया जा सके। ऐसे स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करने को लेकर भी विचार किया जा सकता है। साथ ही ऐसे प्राइमरी स्कूलें का ब्यौरा भी मांगा गया है कि जिनमें बच्चों की संख्या 50 या इससे अधिक है। ऐसे स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिसके तहत प्रत्येक क्लास को अलग से अध्यापक व आधारभूत ढांचा दिया जाएगा। इन सभी स्कूलों की सूची बनाने के बाद शिक्षा उपनिदेशक शिक्षा निदेशालय को भेजेंगे तथा निदेशालय से इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। वहीं,  कार्यकारी शिक्षा उपनिदेशक (उच्च) बिलासपुर सुदर्शन कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा प्राइमरी स्कूलों में कम हो रही बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए कदम उठाया जा रहा है। जिसके लिए बच्चों की 10 से कम और 50 से अधिक संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों की सूचियां मांगी गई हैं। ताकि, इन स्कूलों को भविष्य में कैसे चलाना है इसके बारे में निर्णय लिया जा सके। साथ ही अधिक संख्या वाले स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं दी जा सकें।