संगीत की दुनिया में नाम कमाना चाहती है ‘हिमाचल की आवाज’ की फाइनलिस्ट शालू धीमान

बिलासपुर— प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ के इवेंट ‘हिमाचल की आवाज’ की फाइनलिस्ट शालू धीमान का बचपन से ही संगीत में रुचि रही है। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर शालू धीमान ने हिमाचल की आवाज इवेंट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। वहीं, अब यह होनहार संगीतकार अपनी प्रतिभा के दम पर अपने परिजनों के साथ ही हिमाचल प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन करने का सपना संजोये है, जिसके लिए यह होनहार बेटी कड़ी मेहनत में जुटी है।

शालू धीमान मंडी जिला के तहत जोगिंद्रनगर क्षेत्र से संबधित है। मंडी जिला में हुए हिमाचल की आवाज इवेंट में अपनी प्रतिभा दिखाने के बजाए इस होनहार ने बिलासपुर जिला में हुए इवेंट में अपनी प्रतिभा दिखाई और इवेंट की फाइनलिस्ट रही। वर्तमान में  कालेज में द्वितीय वर्ष में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रही है। माता यशोदा गृहिणी हैं और पिता रोशन लाल पशुपालन विभाग में वर्कर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। बेटी को मां से ही संगीत की दुनिया में जाने की प्रेरणा मिली। शालू अपनी मां को ही अपना प्रेरणा स्त्रोत मानती है।

शालू धीमान ने कोरोना महामारी के दौरान भी संगीत का अभ्यास नहीं छोड़ा। लगातार अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। ऐसा नहीं है कि यह होनहार केवल मात्र अपने संगीत के अभ्यास में लगी रहती है, बल्कि लॉकडाऊन में अपने परिजनों का भी घरेलू कार्यों में हाथ बंटाती है, लेकिन जब भी मौका मिलता है तो संगीत का अभ्यास करती हैं। हालांकि घर पर रहकर शालू धीमान ने रियाज तो किया, लेकिन अकादमी नहीं पहुंच पाने के चलते अपेक्षानुसार रियाज नहीं हो पाया है, लेकिन फिर भी जितना हुआ है उसी से यह होनहार संतुष्ट है। यह होनहार संगीत की दुनिया में अपना नाम कमाना चाहती है। म्यूजिक शिक्षक बनकर भविष्य के संगीतकार भी तैयार करेंगी। शालू धीमान का कहना है कि सरकारी जॉब होना भी बहुत आवश्यक है। इससे व्यक्ति को एक उम्मीद बंधी होती है कि हर माह उसे बेहतर मेहनताना मिलेगा, लेकिन प्राइवेट जॉब में बहुत सी मुश्किलें आती हैं, जिसके चलते वह म्यूजिक शिक्षक बनेंगी और युवा संगीतकार तैयार करेंगी।

शालू धीमान का कहना है कि ‘दिव्य हिमाचल’ का इवेंट युवाओं के लिए बेहतर मंच है। यहां पर युवा अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को अपनी प्रतिभा पहचाननी चाहिए। उसी के अनुसार कार्य करें और परिजनों के साथ जिला, प्रदेश का नाम चमकाएं।