स्पीति में एचआरटीसी को नो एंट्री, ग्रामीणों की प्रशासन को दोटूक, नहीं आने देंगे गाडि़यां
कोरोना खतरे को भांपते हुए ग्रामीणों की प्रशासन को दोटूक, नहीं आने देंगे गाडि़यां
मनाली – विश्व के टॉप टेन टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल स्पीति में एचआरटीसी की एंट्री ही बंद कर दी गई है। हर साल लाखों रुपए कमा कर देने वाला स्पीति का रूट निगम के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है, लेकिन कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए स्पीति के ग्रामीणों ने फिलहाल किसी भी तरह की बस सेवा को घाटी में शुरू न करने का निर्णय लिया है। इस फेहरिस्त में कुछ समय पहले जहां एचआरटीसी की एक बस को स्पीति भेजा गया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने यात्रियों समेत बस को वापस रामपुर लौटा दिया। ऐसे में एचआरटीसी का न तो रिकांगपिओ और न ही केलांग डिपो अब तक स्पीति के लिए बस सेवा शुरू करने में कामयाब हो सका है। प्रदेश में स्पीति ही एक मात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां पर एचआरटीसी प्रबंधन को बस बहाली करना किसी चुनौती से कम नहीं है। कोरोना के प्रदेश व देश में बढ़ते ग्राफ को ध्यान में रख स्पीति के स्थानीय लोगों ने जहां प्रशासन को दो टूक शब्दों में कह डाला है कि जब तक हालात समान्य नहीं होंगे, वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को घाटी में चलने नहीं देंगे। लाहुल-स्पीति में हाल ही में कोरोना के चार मामले सामने आए थे। ऐसे में घाटी के लोगों ने जहां क्षेत्र की सीमाओं पर अपनी तरफ से निगरानी बढ़ा डाली है, वहीं स्पीति के लिए रिकांगपिओ डिपो की चलने वाली बस को भी स्पीति में एंट्री नहीं दी जा रही है। लिहाजा निगम प्रबंधन बस को पूह तक ही चला पा रहा है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि ग्रांफू-काजा सड़क को बहाल हुए भी करीब दो माह का समय हो रहा है, लेकिन स्पीति के लोगों के विरोध के बाद निगम प्रबंधन किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है।
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